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Surgical Strike 2: तनाव में भी चलता रहा कारवां-ए-तिजारत, दोनों देशों की सेनाएं संभाल रही थी पोजीशन

पाकिस्तान में जेहाद की फैक्ट्रियों पर मंगलवार की तड़के भारतीय वायुसेना की कार्रवाई के बाद उपजे तनाव का असर क्रॉस एलओसी ट्रेड पर नजर नहीं आया।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 27 Feb 2019 08:53 AM (IST)Updated: Wed, 27 Feb 2019 08:53 AM (IST)
Surgical Strike 2: तनाव में भी चलता रहा कारवां-ए-तिजारत, दोनों देशों की सेनाएं संभाल रही थी पोजीशन

बारामुला, जागरण संवाद केंद्र। पाकिस्तान में जेहाद की फैक्ट्रियों पर मंगलवार की तड़के भारतीय वायुसेना की कार्रवाई के बाद उपजे तनाव का असर क्रॉस एलओसी ट्रेड पर नजर नहीं आया। दोनों तरफ से 68 व्यापारिक ट्रक उत्तरी कश्मीर में एलओसी पर स्थित अमन कमान सेतु के आर-पार हुए।

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यहां बताना असंगत नहीं होगा कि भारत-पाकिस्तान के बीच समझौते के बाद 2008 में जम्मू कश्मीर और गुलाम कश्मीर के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए ही ड्यूटी फ्री क्रॉस एलओसी व्यापार को अनुमति दी थी। इस व्यापार में सिर्फ जम्मू कश्मीर और गुलाम कश्मीर के व्यापारी ही आपस में सामान के बदले सामान के आधार पर आयात-निर्यात करते हैं।

मंगलवार तड़के भारतीय वायुसेना खैबर पख्तूनवाला में जैश के कैंप को नेस्तनाबूद करने के बाद दोनों तरफ की सेनाएं अपने अग्रिम मोर्चों पर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पोजीशन संभाल रही थीं, उस समय उत्तरी कश्मीर के सलामाबाद स्थित ट्रेड फैसलिटेशन सेंटर से 35 व्यापारिक ट्रक गुलाम कश्मीर की चकोटी के लिए रवाना हो रहे थे। सभी ट्रक दोपहर 12 बजे तक जम्मू कश्मीर और गुलाम कश्मीर को आपस में जोडऩे वाले अमन कमान सेतु को पार कर गए थे। इसी दौरान गुलाम कश्मीर से 33 ट्रक इस तरफ आए। शाम छह बजे तक दोनों तरफ के ट्रक वापस अपने-अपने क्षेत्र में लौट भी गए।

आशंका थी इंकार की

अधिकारियों ने बताया कि पहले आशंका थी कि पाकिस्तान कारवां-ए-तिजारत से इंकार करेगा, क्योंकि स्थिति तनावपूर्ण है। लेकिन सुबह नौ बजे गुलाम कश्मीर के संबंधित अधिकारियों ने उचित माध्यम से सूचित किया कि वहां से ट्रक जम्मू कश्मीर की तरफ आ रहे हैं। इसके बाद हमने पहले से तैयार खड़े अपने व्यापारिक ट्रकों को भी गुलाम कश्मीर जाने की अनुमति दे दी। 


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