Jammu: जैविक उत्पादों को बढ़ावा देने का बीड़ा उठाया, 8000 कृषक महिलाओं को दे चुकी हैं प्रशिक्षण
किसानों को जैविक खेती के प्रति प्रेरित करने के लिए किसान एप्प बनाया गया है। इस किसान डाउनलोड कर अपना इसमें पंजीकरण करवा सकते हैं। इस एप्प के माध्यम से किसानों को मौसम का पूर्वानुमान सहित बीज खाद कृषि संयंत्र उपलब्ध के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी जाती है।
जम्मू, विकास अबरोल। जैविक खाद्य उत्पादों से जम्मू कश्मीर लगभग अंजान था। कारण महंगे होने के कारण उत्पाद मध्यम वर्गीय परिवारों की पहुंच से बाहर तो थे इसकी गुणवत्ता व प्रमाणिकता भी संदेह के घेरे में होती। जम्मू की बेटी पूजा गुप्ता ने दो साल पहले निम्बार्क ब्रांड के अंतर्गत जैविक उत्पादों की किचन किराना की श्रृंखला वाजिब दामों पर लांच की। आज यह उत्पाद समाज के सभी वर्ग की पहुंच में है।
पूजा बताती हैं कि वह ससुर सूरज प्रकाश गुप्ता से प्रेरित रही हैं। उनके परिवार का व्यापार जगत में अहम मुकाम है। यही वजह है कि उन्होंने कुछ अलग हटकर और लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रख कुछ करने की ठानी। उन्होंने जैविक खाद्य उत्पादों का कारोबार शुरू किया जो जम्मू-कश्मीर की नहीं बल्कि पंजाब, दिल्ली और मुंबई जैसे राज्यों में प्रसिद्ध ब्रांड बन चुका है। निम्बार्क कार्बनिक खाद्य उत्पादों को यूएसडीए, भारतीय ऑर्गेनिक्स, एपीडा आदि के मानदंडों को ध्यान में रखते हुए प्रयोगशालाओं में निर्मित और परखा जाता है। उनके उत्पादों को कंपनी शोरूम के मजबूत नेटवर्क व प्रमुख डिपार्टमेंटल स्टोर्स के माध्यम से कम कीमत पर बेचा जा रहा है।
पूजा का कहना है कि अभी भारत की 80 फीसद कृषक समुदाय में ग्रामीण महिला किसान शामिल होती हैं। जो गर्मी व ठंड के दौरान भी खेतों में कड़ी मेहनत करती हैं। उन्हें अच्छी आय प्राप्त नहीं होती है और न उनका जीवन स्तर और ऊंचा उठा है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों की किसान महिलाओं को सशक्त बनाने का संकल्प लिया और जम्मू के मढ़, आरएसपुरा व कश्मीर के विभिन्न क्षेत्रों में जमीन खरीद जैविक खेती को बढ़ावा दे रही हैं।
जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से आठ हजार ग्रामीण महिलाएं उनके साथ जुड़ी हैं। वह स्वयं समय-समय पर इन ग्रामीण महिलाओं से बातचीत करती हैं। अगर उन्हें कोई समस्या हो तो तुरंत निपटारा करने से पीछे नहीं हटती हैं। वह प्रत्येक महिला को परिवार के सदस्य की तरह मानती हैं। किसानों को जैविक खेती के बारे में प्रेरित करने के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाता है। वह सफल उद्यमी ही नहीं बल्कि समाज सेविका के रूप में निरंतर अपना योगदान देती आ रही हैं। वी द हयूमन फॉर नेचर एंड मैनकांइड की संस्थापक सदस्य हैं। उन्होंने लॉकडाउन में 10 हजार से अधिक परिवारों में 3000 क्विंटल राशन, फेस मास्क, सैनिटरी नैपकिन, सैनिटाइजर व साबुन इत्यादि वितरित किए हैं।
कई सम्मान मिल चुके: पूजा गुप्ता को हाल ही में जम्मू-कश्मीर की आत्मनिर्भर भारत अभियान की महिला विंग का इंचार्ज नियुक्त किया है। वह एफएसएआइ सुपर महिला उद्यमी और जी टाउन का अवार्ड प्राप्त कर चुकी हैं। उन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए सांबा जिला में तीन समूह बनाए हैं जो अचार, जैम, मुरब्बा और क्रोशिए से बुनाई का काम करती हैं। ये समूह कपड़ों के कैरी बैग भी बनाती है जो सुरक्षित है और पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। उनका मानना है कि गांवों की महिलाओं को सशक्त करने से न केवल उनका जीवन स्तर सुधरेगा बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में छोटा, पर महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
किसान एप बनाया : किसानों को जैविक खेती के प्रति प्रेरित करने के लिए किसान एप बनाया है। इस किसान डाउनलोड कर अपना इसमें पंजीकरण करवा सकते हैं। ऐप से किसानों को मौसम का पूर्वानुमान सहित बीज, खाद, कृषि संयंत्र उपलब्ध के संबंध में जानकारी दी जाती है। अगर किसी किसान को किसी तरह के सहयोग की आवश्यकता है तो उन्हें हरसंभव मदद की जाएगी।