स्कलों में श्रीमद्भागवत गीता व रामायण उपलब्ध करवाने के मुद्दे पर राजनीति गरमाई
भाजपा अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा कि श्रीमद्भागवत गीता का उर्दू अनुवाद और रामायण का कश्मीरी अनुवाद करके स्कूलों व कॉलेजों में पुस्तकें उपलब्ध करवाने से विद्यार्थियों के ज्ञान में इजाफा होगा।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में श्रीमद्भागवत गीता और रामायण उपलब्ध करवाने के राज्य प्रशासन के फैसले और फिर उसे वापस लेने से राजनीति गरमा गई है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रविंद्र रैना का कहना है कि भाजपा जम्मू कश्मीर में निजाम-ए-मुस्तफा लागू नहीं होने देगी। अगर श्रीमद्भागवत गीता का उर्दू अनुवाद और रामायण का कश्मीरी अनुवाद करके स्कूलों व कॉलेजों में पुस्तकें उपलब्ध करवाई जाती है तो इसमें गलत क्या है। इससे विद्यार्थियों के ज्ञान में इजाफा होगा।
श्रीमद्भागवत गीता और रामायण देश के धार्मिक ग्रंथ है जो सच्चाई के रास्ते पर चलने का संदेश देते हैं। अगर राज्य प्रशासन ने यह फैसला वापस ले लिया है तो भाजपा अनुवाद करके इन ग्रंथों को खुद ही उपलब्ध करवाएगी। उन्होंने उमर अब्दुल्ला के बयान की कड़ी आलोचना की। वहीं प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रविंद्र शर्मा ने कहा कि जम्मू कश्मीर में पहले से ही हालात खराब है। ऐसा कोई फैसला नहीं करना चाहिए, जिससे हालात और खराब हो। अगर राज्य प्रशासन को धार्मिक ग्रंथ उपलब्ध करवाना है तो हर धर्म के धार्मिक ग्रंथ उपलब्ध करवाया जाए।
पैंथर्स पार्टी के चेयरमैन हर्षदेव सिंह ने उमर अब्दुल्ला के बयान की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत गीता और रामायण उपलब्ध करवाने से शिक्षा का कोई भगवाकरण नहीं किया जा रहा है। यह हमारे धार्मिक ग्रंथ है, जिससे विद्यार्थियों के ज्ञान में बढ़ोतरी होगी। हमें सच्चाई पर चलने की शिक्षा मिलेगी। इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।