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जम्मू रेल डिवीजन राजनीतिक खींचतान का शिकार

केंद्र में बैठे कुछ नेता जम्मू रेलवे डिवीजन का मुख्यालय ऊधमपुर तो रेलकर्मी जम्मू में नए डिवीजन का मुख्यालय बनाने की मांग कर रहे हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 05 Mar 2018 03:13 PM (IST)Updated: Mon, 05 Mar 2018 03:13 PM (IST)
जम्मू रेल डिवीजन राजनीतिक खींचतान का शिकार
जम्मू रेल डिवीजन राजनीतिक खींचतान का शिकार

जम्मू, दिनेश महाजन, केंद्र में बैठे कुछ नेता जम्मू रेलवे डिवीजन का मुख्यालय ऊधमपुर तो रेलकर्मी जम्मू में नए डिवीजन का मुख्यालय बनाने की मांग कर रहे हैं। राजनीतिक खींचतान के चलते जम्मू कश्मीर व पंजाब के कुछ हिस्से और हिमाचल प्रदेश में काम करने वाले रेलकर्मियों को इसका शिकार होना पड़ रहा है।

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देश के सबसे बड़े फिरोजपुर रेल डिवीजन में पंजाब, हिमाचल प्रदेश व जम्मू-कश्मीर के 1800 किलोमीटर लंबे रेलवे ट्रैक पर गाड़ियों का परिचालन होता है। पहाड़ी राज्य जम्मू-कश्मीर व हिमाचल प्रदेश में रेलवे के विस्तार की मंशा से फिरोजपुर रेलवे डिवीजन से अलग कर जम्मू रेलवे डिवीजन के नाम से करीब छह वर्ष पूर्व एक नया रेल डिवीजन घोषित हुआ था। 24 फरवरी 2012 को तत्कालीन केंद्र सरकार ने आदेश जारी कर जम्मू रेलवे डिवीजन बनाने की घोषणा की थी। नए रेलवे डिवीजन के अस्तित्व में आने की कवायद चल रही थी। कर्मचारियों की तैनाती भी शुरू हो गई थी। इसी बीच चुनाव हुए और केंद्रीय सत्ता पर दूसरा दल काबिज हो गया। सत्ता परिवर्तन के साथ ही जम्मू रेलवे डिवीजन के गठन पर ग्रहण लग गया।

जम्मू रेलवे मंडल में साढ़े छह सौ किमी. ट्रैक होगा रेलवे अधिकारियों की मानें तो जम्मू रेलवे मंडल में साढ़े छह सौ किलोमीटर लंबा रेलवे ट्रैक होगा, जो जम्मू कश्मीर, पंजाब का कुछ हिस्सा व हिमाचल प्रदेश के अंतर्गत होगा। हालांकि भारतीय रेलवे द्वारा भावी मंडल को देखते हुए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

नए डिवीजन के लिए तीन सौ करोड़ का प्रावधान नए रेलवे डिवीजन के निर्माण के लिए तीन सौ करोड़ रुपये इमारत और अन्य कार्यो के लिए खर्च होने की संभावना है। इतनी अधिक धनराशि रेल बजट में ही जारी की जा सकती है। यही कारण है कि कई वर्षो से रेल बजट के दौरान रेल कर्मी इस उम्मीद में रहते हैं कि नए रेलवे डिवीजन की घोषणा होगी।

दस हजार रेल कर्मियों को होगा लाभ जम्मू रेलवे डिवीजन के निर्माण से दस हजार रेलवे कर्मियों को लाभ होगा। वर्तमान में जम्मू संभाग के ढाई हजार, जबकि कश्मीर संभाग में करीब चार हजार रेलकर्मी काम कर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में तैनात कर्मियों की संख्या भी करीब तीन हजार है। इन सभी रेलवे कर्मियों को छोटे से काम के लिए फिरोजपुर के चक्कर काटने पड़ते हैं। जम्मू में डिवीजन का मुख्यालय बनने से रेलकर्मियों को लाभ होगा। जम्मू कश्मीर के लोगों को भी नए डिवीजन से रोजगार मिलने की उम्मीद है।

रेलकर्मियों की परेशानियां होगी कम रेलवे कर्मियों की सबसे बड़ी यूनियन नॉदर्न रेलवे मै‌र्न्स यूनियन (एनआरएमयू) के मंडल सचिव हरपाल सिंह का कहना है कि कर्मचारी काफी समय से जम्मू रेल डिवीजन के बनने की आस लगाए हुए हैं। रेलवे कर्मियों की समस्याओं को लेकर यूनियन सदस्यों को फिरोजपुर के चक्कर काटने पड़ते हैं। कश्मीर के कर्मचारी सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। उन्हें एक दिन सड़क से जम्मू और दूसरे दिन फिरोजपुर तक छोटे से छोटे काम के लिए जाना पड़ता है।

बिना कार्यकाल के काम कर रहे एडीआरएम जम्मू में नए डिवीजन की स्थापना के तौर पर एडीशनल डिवीजनल रेलवे मैनेजर का पद तीन वर्ष पूर्व सृजित किया गया था। पांच फरवरी 2016 में नए डिवीजन का कामकाज देखने के लिए अजय कुमार राणा को जम्मू का नया एडीआरएम नियुक्त किया गया था। दो वर्ष तक बिना कार्यालय और काम के पिछले साल दिसंबर में राणा का तबादला कर दिया गया। अब उनके स्थान पर रमणीक सिंह को तैनात किया गया है।


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