जिला विकास परिषद की चुनावी तैयारियों के बीच गरमाने लगी सियासत
प्रदेश कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रविंद्र शर्मा ने कहा कि पूर्व की भाजपा-पीडीपी गठबंधन सरकार ने अपने कार्यकाल में पंचायती राज अधिनियम में संशोधन कर इसे कमजोर बना दिया था।
राज्य ब्यूरो, जम्मू : जिला और ब्लॉक विकास परिषद (डीसीसी एवं बीडीसी) के चुनावों की तैयारियों के बीच जम्मू कश्मीर में सियासत का रंग और चटक होने लगा है। ये चुना भले ही गैर राजनीतिक आधार पर होने हैं, लेकिन इनमें पूरा राजनीतिक दखल रहना तय है। इस बीच प्रदेश भाजपा अपनी चुनावी तैयारियां कर रही है तो वहीं काग्रेस ने पंचायती राज को कमजोर करने का आरोप लगाया है।
प्रदेश कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रविंद्र शर्मा ने कहा कि पूर्व की भाजपा-पीडीपी गठबंधन सरकार ने अपने कार्यकाल में पंचायती राज अधिनियम में संशोधन कर इसे कमजोर बना दिया था। कांग्रेस के विरोध तत्कालीन राज्यपाल एनएन वोहरा ने इसे वापस ले लिया था। उन्होंने कहा कि अगर त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था बनाने पर जम्मू कश्मीर सरकार की नीयत अगर ठीक होती तो संविधान के 73वें संशोधन को पूरी तरह से प्रभावी बनाया जाता। प्रदेश में न तो पंचायती राज के लिए अलग चुनाव आयोग है और न ही वित्त आयोग का गठन किया गया है। लोकपाल भी नहीं बनाया गया। जिला विकास परिषद चुनाव कराने में मनमर्जी की जा रही है। आतंकवादियों का निशाना बन रहे पंचायत प्रतिनिधियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में नाकाम सरकार चुनाव कराने की तैयारी कैसे कर रही है।
प्रदेश के सभी जिलों पर बराबर सीटों पर शर्मा ने कहा कि यह सीधे-सीधे भेदभाव है। सीटें तय करते समय जिलों की जनसंख्या, क्षेत्रफल, भौगोलिक स्थिति जैसे मापदंडों को नकारा गया है। यह सही नही है, बड़े जिलों में विकास परिषद की ज्यादा सीटें होनी चाहिए। प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने बताया कि कृषि सुधार कानूनों व जम्मू कश्मीर में स्टांप ड्यूटी में वृद्धि, अतिरिक्त टैक्स लगाने पर सरकार के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान में और तेजी लाई जाएगी। ये हस्ताक्षर 10 नवंबर को राष्ट्रपति को सौंपे जाएंगे। इस मौके पर पूर्व मंत्री योगेश साहनी व मीडिया प्रभारी नीरज गुप्ता भी मौजूद थे। इतनी जल्दबाजी क्यों: कांग्रेस की तरह पैंथर्स पार्टी भी विकास परिषद चुनाव करवाने को शक की नजर से देख रही है। पैंथर्स पार्टी के चेयरमैन हर्षदेव सिंह का कहना है कि सरकार ने पंचायती राज को कमजोर बनाने के लिए इसमें संशोधन किया है। अब सरकार सुरक्षा हालात का हवाला देकर विधानसभा चुनाव नहीं करा रही है तो जिला विकास परिषद चुनाव के लिए इतनी जल्दी की क्या जरूरत है। विरोधी दलों की नीयत पर सवाल: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना का कहना है कि ग्रामीण लोकतंत्र की मजबूती को लेकर विरोधी दलों की नीयत कभी भी ठीक नहीं रही। जिला विकास परिषद चुनाव करवाने का फैसला ऐतिहासिक है। पुरानी सरकारों ने इस दिशा में कोई कार्रवाई न करते हुए ग्रामीण लोकतंत्र को कमजोर बनाए रखा।