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परिसीमन आयोग की रिपोर्ट से नाखुश राजनीतिक पार्टियां, चुनाव आयोग के सामने धरना देकर विरोध जताएंगी

विपक्षी पार्टियों ने आज सोमवार को जम्मू में बैठक कर परिसीमन आयोग की रिपोर्ट को नामंजूर करते हुए कहा कि लोगों की आकांक्षाओं को नजरअंदाज किया गया। कई इलाकों को दूसरे इलाकों से मिला दिया गया और कइयों को काट दिया गया।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Mon, 09 May 2022 05:39 PM (IST)Updated: Mon, 09 May 2022 05:39 PM (IST)
ऑल पार्टी युनाइटेड मोर्चा के नेताओं ने कहा कि परिसीमन की रिपोर्ट बुनियादी नियमों के खिलाफ है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो। कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस समेत अन्य विपक्षी राजनीतिक पार्टियों, सामाजिक संगठनों ने परिसीमन आयोग की रिपोर्ट को नामंजूर करते हुए फैसला किया है कि वे संयुक्त रूप से संघर्ष करेंगे और इस सप्ताह चुनाव आयोग के सामने धरना देंगे। ऑल पार्टी युनाइटेड मोर्चा के नेताओं ने कहा कि परिसीमन की रिपोर्ट बुनियादी नियमों के खिलाफ है। इसमें भोगौलिक हकीकत को नजरअंदाज किया गया। यह रिपोर्ट भेदभाव करने वाली और राजनीति से प्रेरित है। हम लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाएंगे।

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विपक्षी पार्टियों ने आज सोमवार को जम्मू में बैठक कर परिसीमन आयोग की रिपोर्ट को नामंजूर करते हुए कहा कि लोगों की आकांक्षाओं को नजरअंदाज किया गया। कई इलाकों को दूसरे इलाकों से मिला दिया गया और कइयों को काट दिया गया। विधानसभा का परिसीमन करते हुए जनसंख्या का ख्याल नहीं रखा गया। विधानसभाओं में 37 हजार की जनसंख्या से लेकर 1.90 लाख जनसंख्या रखी गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि परिसीमन की रिपोर्ट सत्ताधारी पार्टी के कहने पर तैयार की गई। राजौरी व पुंछ के इलाकों को अनंतनाग संसदीय सीट से मिला दिया गया जिसमें पर्याप्त संपर्क नहीं है।

मोर्चा के नेताओं ने कहा कि सांप्रदायिक सौहार्द को बनाए रखा जाएगा और सांप्रदायिक ताकतों के प्रयास सफल नहीं होंगे। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता रविंद्र शर्मा ने की जिसमें नेशनल कांफ्रेंस के प्रांतीय प्रधान रतन लाल गुप्ता, पूर्व सांसद शेख अब्दुल रहमान, पूर्व एमएलसी वेद महाजन, वीरेंद्र सिंह सोनू, सीपीएम के किशोर कुमार, स्टेटहुड मिशन के सुनील डिंपल, सिख नेता नरेंद्र सिंह खालसा, देशभगत यादगार कमेटी के प्रधान सुखदेव सिंह, नरेंद्र खजूरिया, मोर्चा के कनवीनर आइडी सोनी शामिल हुए। नेताओं ने चार मुद्दों पर संघर्ष किया जाएगा जिसमें सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखना, जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करवाना, पारदर्शी परिसीमन होना, लोकतंत्र की जल्द बहाली करना शामिल है। 


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