जम्मू-कश्मीर की अफसरशाही को लुभा रही सियासत, अफसर, पुलिस अधिकारी, जज भी थाम चुके हैं सियासत का हाथ
जम्मू-कश्मीर की अफसरशाही को लुभा रही सियासत अफसर पुलिस अधिकारी जज भी थाम चुके हैं सियासत का हाथ
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। जम्मू-कश्मीर की अफसरशाही को सरकारी सेवा में मन नहीं रम रहा और सियासत उन्हें अधिक लुभा रही है। सियासी गतिविधियां जिस तरह से आगे बढ़ रही हैं, अफसर, बाबू और यहां तक की पूर्व जज भी सियासत में भविष्य टटोल रहे हैं। नए चेहरों की तलाश में जुटे सियासी दल भी उन्हें हाथों-हाथ लपक रहे हैं।
सोमवार को इसी कड़ी में पीएचई विभाग के पूर्व सचिव फारुक अहमद शाह ने नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) का दामन थाम लिया। शाह ने पिछले सप्ताह ही स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया था। फारुक शाह को राज्य प्रशासनिक सेवा कोटे से आइएएस कैडर मिला था। इससे पूर्व वर्ष 2009 के आइएएस टॉपर रहे शाह फैसल भी सियासत में जमीन तलाश रहे हैं।
फारुक शाह के नेशनल कांफ्रेंस में शामिल होने की अटकलें जनवरी माह से ही जारी थी। सोमवार को डा. फारुक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला ने उन्हें नेकां मुख्यालय में आयोजित एक समारोह में औपचारिक रुप से पार्टी में शामिल करवाया। शाह ने गत सप्ताह ही सरकारी सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृृत्ति के लिए आवेदन किया है। वह पर्यटन विभाग में एक लंबे समय तक रहे हैं। वह गत सप्ताह तक पीएचई, बाढ़ नियंत्रण विभाग में सचिव पद पर कार्यरत थे। संभवत: वह आगामी विधानसभा चुनावों में टंगमर्ग निर्वाचन क्षेत्र से भाग्य आजमाएंगे।
नौकरशाही छोड़ रियासत की सियासत में आने वाले वह कोई पहले नौकरशाह नहीं हैं। इससे पहले आइएएस टॉपर शाह फैसल सरकारी सेवा को अलविदा कह सियासत में उतरने का एलान कर चुके हैं। वह अपना अलग दल बनाने की राह पर आगे बढ़ रहे हैं। अनंतनाग के पूर्व प्रमुख सत्र न्यायाधीश सईद तौकीर ने भी सियासत के लिए पद छोड़ दिया था। वह भी नेकां का हिस्सा बने हैं। बारामुला के रहने वाले एक अन्य जज भी नेकां की सियासत पर सहमति जताते हुए नौकरी छोड़ चुके हैं। पूर्व आइपीएस अधिकारी रियाज बेदार भी करीब डेढ़माह पहले नेकां में शामिल हुए हैं। इसके अलावा कर्मचारी नेता भी नौकरी छोड़ सियासत में कूद चुके हैं।