Jammu Kashmir: कश्मीर में राजनीतिक गतिविधियां फिर तेज, पांच महीने बाद हुई पीडीपी-नेकां नेताओं की बैठक
पीडीपी महासचिव अब्दुल हमीद कोशीन ने घोषणा की कि जल्द ही पीडीपी पूरे कश्मीर में आम कार्यकर्ताओं व लोगों के साथ एक जनसंपर्क अभियान भी चलाने जा रही है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम लागू होने के लगभग पांच माह बाद पहली बार श्रीनगर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) नेताओं ने अलग-अलग बैठक कर मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा की और राजनीतिक नेताओं की रिहाई की मांग उठाई। इसमें सबसे अहम बैठक पीडीपी कार्यकर्ताओं की रही। श्रीनगर में पार्टी महासचिव अब्दुल हमीद कोशीन, पूर्व विधायक मुश्ताक अहमद शाह आैर जम्मू में पीडीपी महासचिव एवं पूर्व एमएलसी सुरेंद्र चौधरी की अध्यक्षता में हुई बैठक में आगामी 7 जनवरी को पीडीपी संस्थापक मुफ्ती मोहम्मद सईद की चौथी पुण्यतिथि बनाने और इस मौके पर पार्टी प्रधान महबूबा मुफ्ती की रिहाई के लिए जनसंपर्क अभियान चलाने का फैसला लिया गया।
पूर्व एमएलसी सुरेंद्र चौधरी ने कहा कि पीडीपी अध्यक्षा व अन्य नेताओं को हिरासत में रखा जाना लाेकतत्र की मर्यादा के खिलाफ है। पीडीपी ने जम्मू कश्मीर में शांति व लोकतंत्र की बहाली के उल्लेखनीय योगदान दिया है। महबूबा मुफ्ती व अन्य वरिष्ठ नेताओं को जिस तरह से हिरासत में रखा गया है, उससे जम्मू कश्मीर में राजनीतिक शून्य पैदा हुआ है, लाेकतंत्र केा आघात पहुंचा है।
चौधरी ने कहा कि हमारी केंद्र सरकार व केंद्र शाासित जम्मू कश्मीर राज्य प्रशासन से मांग है कि वह महबूबा मुफ्ती समेत सभी राजनीतिक लोगों को तत्काल प्रभाव से रिहा करते हुए उनकी सियासी गतिविधियों को अनुमति दें। उन्होंने घोषणा की कि सात जनवरी को पीडीपी दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद की बरसी पर एक रैली करने जा रही है। इसमें सभी नेता और कार्यकर्ता शामिल होंगे। इस रैली के बाद ही सत्ता में बैठे लोगों को जम्मू-कश्मीर में पीडीपी की अहमियत का अहसास हो जाएगा।
उधर श्रीनगर में पार्टी महासचिव अब्दुल हमीद कोशीन और पूर्व विधाायक मुश्ताक अहमद शाह ने पीडीपी नेताओं की मौजूदगी में प्रस्ताव पारित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार का यह रवैया जम्मू-कश्मीर में शांति व सामान्य स्थिति की बहाली के खिलाफ है। बेशक दावा किया जाए कि कश्मीर मे हालात सुधर गए हैं, लेकिन हकीकत तो यह है कि लोगों में बहुत गुस्सा है। अगर सरकार को यहां हालात सामान्य बनाने हैं ताे महबूबा मुफ्ती समेत सभी राजनीतिक लोगों को रिहा करना चाहिए। पार्टी प्रवक्ता ताहिर सईद ने नेताओं की रिहाई के संदर्भ में एक प्रस्ताव पारित करने के अलावा कश्मीर में इंटरनेट पर पाबंदी को हटाने का भी प्रस्ताव पास किया है। उन्होंने घोषणा की कि जल्द ही पीडीपी पूरे कश्मीर में आम कार्यकर्ताओं व लोगों के साथ एक जनसंपर्क अभियान भी चलाने जा रही है।
वहीं नेशनल कांफ्रेंस की कश्मीर प्रांतीय इकाई ने भी नागरिकता संशोधन बिल का निंदा प्रस्ताव और कश्मीर में पांच अगस्त को हिरासत में लिए गए सभी राजनीतिक नेताओं व सिविल सोसायटी के सदस्यों की रिहाई का प्रस्ताव पारित किया। नवा-ए-सुब परिसर स्थित नेकां मुख्यालय में कश्मीर प्रांत के सचिव शौकत अहमद की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में डॉ. फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला समेत सभी राजनीतिक लोगों जिन्हें पांच अगस्त को रिहा लिया है, को तत्काल प्रभाव से रिहा करने का प्रस्ताव भी पारित किया। नेताओं ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और जामिया मिलिया इस्लामिया की हिंसा पर भी रोष जताया है। डार ने कहा कि अपने नेताओं की रिहाई के बाद ही पार्टी अगली रणनीति तय करेगी।