बन टोल प्लाजा आतंकी हमलाः ...पांच मिनट! बचा ली कई जिंदगियां
साइड का दरवाजा खोलने के बाद हमने जब ट्रक के अंदर डंडे डालकर टटोलने की कोशिश की तो मुझे लगा कि अंदर मवेशी हैं। सुराग से देखने के बाद हमें एक जूता व टांग दिखी।
जम्मू, विवेक सिंह। नगरोटा के बन टोल प्लाजा में ट्रक में छिपे आतंकी घिर चुके थे। उनका मकसद चाहे जो भी था, लेकिन आतंकी बन टोल प्लाजा पर मौत का खेल खेलने की पूरी तैयारी कर बैठे थे। ट्रक के अंदर से अंधाधुंध गोलियां बरसाई जा रही थी। आतंकी ट्रक के साइड के छोटे दरवाजे को खोलने के लिए पूरी ताकत झोंके थे, लेकिन बाहर से पुलिस व सीआइएसएफ के जवानों ने खोलने नहीं दिया। इससे सुरक्षाबलों को त्वरित कार्रवाई करने का मौका मिल गया। अगर आतंकी बाहर आ जाते तो आज मैं और मेरे कई साथी शहीद हो गए होते। मौत के सौदागरों को मात देने की जद्दोजहद पांच मिनट तक जारी रही। यह कहना है पुलिसकर्मी भूमराज और सहायक सब इंस्पेक्टर राजेंद्र सिंह का। इन्हीं ने ट्रक को तलाशी के लिए रोका था।
राजेंद्र सिंह ने बताया कि सुबह पांच बजे अंधेरे के साथ धुंध भी थी। हमारे जोर देने पर चालक व सहचालक ट्रक के एक तरफ खड़े हो गए। साइड का दरवाजा खोलने के बाद हमने जब ट्रक के अंदर डंडे डालकर टटोलने की कोशिश की तो मुझे लगा कि अंदर मवेशी हैं। सुराग से देखने के बाद हमें एक जूता व टांग दिखी। शक पुख्ता हो गया। इसके बाद डंडा जोर से लगने से अंदर से चीख निकली। बाहर आसपास मौजूद जवानों को ट्रक के अंदर आतंकी होने के बारे में सचेत कर दिया। ट्रक के अंदर से गोलीबारी चल रही थी। आतंकी बाहर बड़ा खेल खेलने की तैयारी में थे।
जम्मू के मेडिकल कॉलेज में भर्ती घायल भूमराज ने बताया कि ट्रक के अंदर आतंकी होने के बारे में चिल्लाने के साथ साइड का दरवाजा बंद करने के लिए पूरा जोर लगाने लगे। आतंकी अपने पांवों से दरवाजे को बाहर धकेल रहे थे। इस दौरान सीआइएसएफ के कांस्टेबल राहुल व रवि न आकर दरवाजे पर बट मार कर इसे बंद करने में मदद की। इसी दौरान आतंकियों द्वारा दागी एक गोली दरवाजे को चीर मेरी बाजू में लग गई थी। तब तक सीआरपीएफ जवानों ने मोर्चा संभाल लिया था। हम भी सुरक्षित जगह पर पहुंच गए। इसी बीच ट्रक में छिपे तीन आतंकवादियों के पास बोरियां हटाकर बाहर निकलने के अलावा कोई विकल्प नही था। जब तक वे बाहर निकलते तब तक टोल प्लाजा कार्यालय की छत पर सीआरपीएफ जवानों ने मोर्चा संभाल लिया था। ट्रक के ऊपर आए आतंकी जवानों के सीधे निशाने पर थे। ऐसे में एक आतंकी मौके पर मारा गया। दो अन्य आतंकी गोलीबारी से बचने के लिए वे खाई की ढलान में भागने लगे जिन्हें कुछ देर बाद मार गिराया।