आतंकवादी विरोधी दिवस पर पुलिस जवानों ने ली शपथ, कहा- आतंकवाद का हर हाल में करेंगे खात्मा
श्रीनगर के पांडच इलाके में बुधवार को आतंकी हमले में शहीद हुए सीमा सुरक्षाबल (बीएसएफ) के दो जवानों को सुबह एक भावपूर्ण समारोह में श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान की शह पर जारी आतंकवाद को सामूहिक प्रयासों से खत्म किया जाएगा। देश का हर नागरिक स्थायी शांति के लिए आतंकवाद व हिंसा का डटकर मुकाबला करेगा। आतंकवादी विरोधी दिवस पर जम्मू कश्मीर पुलिस के कर्मियों ने यह शपथ ली। जम्मू के राजभवन में उपराज्यपाल जीसी मुर्मू, उनके स्टाफ व अधिकारियों ने सुबह शपथ ग्रहण की। इस दौरान प्रण किया गया कि समाज में शांति, एकता व अखंडता बनाए रखने के लिए लोगों को हिंसा व आतंकवाद से बचाने के लिए हर संभव कार्रवाई की जाएगी। जम्मू कश्मीर में सटीक प्रहारों से आतंकवाद का नामोनिशान मिटा दिया जाएगा। आतंकवाद से अब भारत ही नहीं पूरा विश्व प्रभावित है।
वहीं, शब-ए-कद्र की छुट्टी के बाद भी पुलिस मुख्यालय खुला। पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह के नेतृत्व में हर अधिकारी व जवान ने दोहराया कि प्रदेश में आतंकवाद के सफाए के लिए जम्मू कश्मीर पुलिस की मुहिम पूरे जोश के साथ जारी रहेगी। एसपी ऑपरेशंस श्रीनगर के कार्यालय उन्होंने कहा कि राष्ट्रविरोधी तत्वों के झांसे में आकर आतंकवाद के रास्ते पर जाने वाले युवकों को बचाना पुलिस के जवान और अधिकारी की जिम्मेदारी है। आतंकवाद के खिलाफ जम्मू कश्मीर पुलिस बीते तीन दशक से भी ज्यादा समय से अग्रणी मोर्चे पर लड़ रही है। देश की एकता,अखंडता के लिए पुलिस के सैकड़ों जवानों ने प्राणों का बलिदान किया है। गृह मंत्रलय के निर्देश पर जम्मू कश्मीर सरकार ने इस बार सभी सरकारी विभाग व सार्वजनिक उपक्रमों में आतंकवाद के खिलाफ शपथ लेने के निर्देश दिए थे।
शहीद बीएसएफ जवानों को दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि
श्रीनगर के पांडच इलाके में बुधवार को आतंकी हमले में शहीद हुए सीमा सुरक्षाबल (बीएसएफ) के दो जवानों को सुबह एक भावपूर्ण समारोह में श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इसके बाद तिरंगे में लिपटे दोनों शहीदों के पार्थिव शरीर को पूरे सम्मान के साथ हवाई जहाज के जरिए उनके परिजनों के पास मुर्शिदाबाद, पश्चिमी बंगाल भेज दिए गए। बीएसएफ की 37वीं वाहिनी में जिया उल हक और राना मोंडल दोनों गहरे दोस्त थे। वे बुधवार को ड्यूटी के लिए अपने शिविर से निकले थे। दिनभर की रोजदारी के बाद शाम को इफ्तारी की तैयारी करनी थी। इसलिए ड्यूटी स्थल से करीब 300 मीटर दूर एक दुकान पर सामान लेने चले गए, जहां आतंकियों ने हमला कर दिया था। बीएसएफ के प्रवक्ता एनएस बोपाराय ने बताया कि जिया उल हक के परिवार में उसकी पत्नी नफसीना खातून और दो बेटियां हैं। वह रेजीनगर में रहता था। मोंडल का परिवार मुर्शिदाबाद के पास साहेब रामपुर में रहता है। उसके परिवार में उसके बुजुर्ग मां-बाप, पत्नी जेशमिन खातून व छह माह की बेटी रह गई है।
तिरंगे में लिपटे शहीदों के पार्थिव शरीर परिजनों के पास भेजेः दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में वीरवार को आतंकी हमले में शहीद हुए हेड कांस्टेबल अनूप सिंह को जिला पुलिस लाइन में श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इसके बाद तिरंगे मे लिपटा शहीद का पार्थिव शरीर परिजनों को सौंपा गया। अनूप सिंह जिला पुलवामा के ही रहने वाले थे।