धारा 35ए का संरक्षण करें मोदी
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : कश्मीर के व्यापारिक संगठनों ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कश्मीि
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : कश्मीर के व्यापारिक संगठनों ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कश्मीरियों को गले लगाने को लेकर दिए गए अपने बयान को लेकर ईमानदार हैं तो उन्हें धारा 35ए के संरक्षण की जिम्मेदारी का निर्वाह करना चाहिए। गौरतलब है कि अनुच्छेद 35-ए राज्य के स्थानीय नागरिकों को परिभाषित करने, उनके लिए विशेषाधिकार यकीनी बनाने व गैर रियासती लोगों के जम्मू कश्मीर में स्थायी तौर पर बसने, उनके द्वारा जम्मू कश्मीर में जमीन खरीदने व उसके मालिकाना हक हासिल करने पर रोक लगाता है। नई दिल्ली की एक संस्था ने इस अनुच्छेद को समाप्त करने के लिए सर्वाेच्च न्यायालय में याचिका दायर कर रखी है, जिस पर इसी माह 27 अगस्त को सुनवाई होगी।
अनुच्छेद 35ए के संरक्षण में मुख्यधारा के राजनीतिक दलों से लेकर अलगाववादी खेमा और कश्मीर के सभी सामाजिक, मजहबी और व्यापारिक संगठन एक मंच पर खड़े हैं।
अनुच्छेद 35 ए के संरक्षण पर कश्मीर के विभिन्न 27 व्यापारिक संगठनों और सिविल सोसाइटी ने भी एक साझा मंच तैयार कर रखा है।
मंच के प्रवक्ता अब्दुल मजीद जरगर ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी को धारा 35ए के खिलाफ दायर याचिका को संबंधित याचिकाकर्ता पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर अदालत से वापस लेना चाहिए या फिर उन्हें धारा 35ए के संरक्षण को यकीनी बनाते हुए अदालत में संबधित याचिका को खारिज कराना होगा।
जरगर ने कहा कि अगर कश्मीरियों को गले लगाने की प्रधानमंत्री की कथनी और कश्मीरियों के प्रति व्यवहार को लकर उनकी करनी में कोई अंतर नहीं है तो उन्हें सर्वाेच्च न्यायालय में धारा 35ए के खिलाफ दायर याचिका को वापस कराना होगा या फिर अदालत में इस धारा का संरक्षण करते हुए संबंधित याचिका को रद्द कराना होगा।