नटरंग नाट्योत्सव: करवट में दिखा इंसान का असली चरित्र
नाटक में मुख्य किरदार मियां जी हैं जो लोगों के साथ बहुत सहानुभूति रखता है।
जम्मू, जागरण संवाददाता। नटरंग नाट्योत्सव के तीसरे दिन सआदत हसन मंटो के लिखे नाटक करवट का मंचन हुआ जिसमें मंटो ने लोगों की ऊपरी अच्छाई में छिपे चरित्र को बेहतर उकेरा है। नीरज कांत के निर्देशित इस नाटक में कलाकारों ने भी अपने अभिनय से पात्रों को जीवंत किया जबकि दर्शकों ने भी नाटक को खूब पसंद किया।
नाटक में मुख्य किरदार मियां जी हैं जो लोगों के साथ बहुत सहानुभूति रखता है। मियां जी के पड़ोस में एक वेश्या सोना बाई आकर रहने लगती है और मियां जी उस वेश्या को अपने घर में खाने के लिए बुलाने का फैसला करते हैं। उनके इस फैसले से परिवार के लोग भी सन्न हो जाते हैं लेकिन मियां जी अपने फैसले पर अड़े रहते हैं। उनका मानना है कि ऐसा करते से उसमें बदलाव होगा।
वह वैश्या के पास जाकर उसे अपने साथ घर में खाना खाने का न्यौता देते हैं लेकिन वह उलटा को मिंया जी को उनके परिवार के सामने ही खरी खोटी सुनाकर घर से निकाल देती है। कुछ दिन बाद सोना बाई को अपने किए पर पछतावा होता है और वह मियां जी से माफी मांगती है। वह अपना पेशा भी छोड़ देती है। इसके बाद मियां जी का असली चरित्र सामने आता है। दरअसल मियां जी को सोना बाई पसंद आ गई होती है और वह नहीं चाहते थे कि उसके पास उनके सिवा कोई और आए। जब सोना बाई को इस बात का पता चलता है तो उसका लोगों से विश्वास उठ जाता है।
वह दोबारा अपने पेशे को शुरू कर देती है। नाटक में मीनाक्षी भगत, उदित सागर, चाहत कतेयाल, भृगु शर्मा, आस्था शर्मा, वृंदा शर्मा और चिराग आनंद ने अभिनय किया।