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पीएचई अस्थायी कर्मियों ने पहले किया चीफ इंजीनियर का घेराव, फिर सचिवालय की आेर कूच

नियमित वेतन न मिलने के कारण आर्थिक तंगी से जूझ रहे अस्थायी कर्मी में भड़के आक्रोश व उनकी एकजुटता ने प्रशासन को भी उनसे बातचीत करने को मजबूत कर दिया।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 12 Nov 2018 06:35 PM (IST)Updated: Mon, 12 Nov 2018 06:35 PM (IST)
पीएचई अस्थायी कर्मियों ने पहले किया चीफ इंजीनियर का घेराव, फिर सचिवालय की आेर कूच
पीएचई अस्थायी कर्मियों ने पहले किया चीफ इंजीनियर का घेराव, फिर सचिवालय की आेर कूच

जम्मू, जेएनएन। सरकार से 35 महीनों का बकाया वेतन जारी करने की मांग कर रहे पीएचई अस्थायी कर्मी सोमवार को एक बार फिर सड़कों पर उतर आए। प्रशासन के कानों तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए पहले तो इन कर्मियों ने बीसी रोड स्थित चीफ इंजीनियर का घेराव किया फिर रोज-रोज के टालमटाेल को सुन परेशान हो चुके इन कर्मियों ने स्थायी समाधान के लिए सचिवालय की ओर कूच किया। नियमित वेतन न मिलने के कारण आर्थिक तंगी से जूझ रहे अस्थायी कर्मी रैली में शामिल होने के लिए संभाग के विभिन्न जिलों से पहुंचे थे। कर्मचारियों में भड़के आक्रोश व उनकी एकजुटता ने प्रशासन को भी उनसे बातचीत करने को मजबूत कर दिया।

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पीएचई विभाग में एसआरओ-520 के तहत स्थायी नियुक्ति, 35 महीनों का बकाया वेतन जारी करने, पेबैंड बनाकर नियमित वेतन देने की व्यवस्था करने की मांग को लेकर ये कर्मी सात सितंबर से संघर्षरत हैं। करीब ढाई महीनों से धरना-प्रदर्शन कर रहे ये कर्मी सोमवार को सचिवालय घेराव के लिए बीसी रोड स्थित चीफ इंजीनियर कार्यालय के बाहर एकत्र हुए। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे आल जेएंडके पीएचई आईटीआई ट्रेंड एंड सीपी वर्कर्स यूनियन के प्रधान तनवीर हुसैन ने कहा कि प्रशासन की चुप्पी ने यह साबित कर दिया है कि उन्हें कर्मियों की परेशानियों से कोई सरोकार नहीं है।

वह भूख मरे, उनके बच्चों को बेहतर शिक्षा मिले या न मिले इसको लेकर कोई गंभीर नहीं है। उनके बीवी-बच्चों ने भी सड़कों पर उतर प्रबंधन व प्रशासन को अपनी समस्याओं से अवगत कराया परंतु हद तो यह है कि सिवाय कोरे आश्वासनों के उनके हाथ कुछ नहीं लगा। बकाया वेतन जारी करने के बड़े-बड़े दावा करने वाली सरकार ने भी भीख के तौर पर मात्र एक महीने का वेतन उनकी झोली में डाल दिया। गरीब कर्मी व उनके परिजन ईद, रखाबंधन, जन्माष्टमी के बाद दशहरा, दीपावली के त्यौहार भी नहीं मना पाए।

अब जबकि सरकार ही उनकी परवाह नहीं कर रही है तो अब उनका या दूसरे लोगों की सुविधाओं का ख्याल क्यों रखे। कर्मियों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही सरकार ने उनकी मांगों पर निर्णय नहीं लिया तो वे विभाग की ईंट से ईंट बजा देंगे। फिर उसके बाद विभाग को परेशानी हो या आम जनता को उनको किसी से कोई सरोकार नहीं होगा। चीफ इंजीनियर कार्यालय में करीब एक घंटा नारेबाजी करने के बाद इन कर्मियों ने सचिवालय की ओर कूच किया। परंतु इंदिरा चौक में मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने इन कर्मियों को आगे जाने नहीं दिया। हजारों की संख्या में रैली में शामिल इन कर्मियों ने करीब दो घंटे इंदिरा चौक मार्ग पर ही धरना डाल प्रशासन व पीएचई प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

जनवरी से नियमित मिलेगा वेतन

इंदिरा चौक में धरने पर बैठे इन कर्मियों ने इस शर्त पर हटना तय किया कि उनकी बातचीत राज्यपाल के सलाहकार या फिर पीएचई कमिश्नर सेक्रेटरी से करवाई जाए। मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने यह सूचना सचिवालय पहुंचाई और करीब दो बजे कमिश्नर सेक्रेटरी पीएचई फारूक शाह ने यूनियन नेताओं को बातचीत के लिए आमंत्रित किया। यूनियन प्रधान तनवीर हुसैन, दीपक गुप्ता, तिलक राज, पवन कुमार, विजय कुमार, प्रदीप शर्मा, गणेश और रवि कुमार सचिवालय पहुंचे। करीब एक घंटे तक चली बैठक में शाह ने कर्मियों को बताया कि दिसंबर में पेश होने वाले पीएचई बजट में इसके लिए फंड्स निर्धारित कर लिए जाएंगे। जनवरी से नियमित वेतन देने की व्यवस्था बना दी जाएगी जबकि उसी के साथ-साथ बकाया वेतन भी दिया जाएगा। बैठक में जम्मू व श्रीनगर के चीफ इंजीनियर, फाइनेंस विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे।

मांगे हल होने तक जारी रहेगा आंदोलन

सचिवालय में कमिश्नर सेक्रेटरी के साथ बैठक कर प्रदर्शनी मैदान में जमा हुए विभिन्न जिलों से अाए कर्मियों को इसकी जानकारी देते हुए यूनियन प्रधान तनवीर हुसैन ने कहा कि वह इस फैसले का स्वागत करते हैं। प्रशासन ने उन्हें हड़ताल स्थगित करने को कहा परंतु उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि जब तक उनके यह आश्वासन हकीकत में लागू नहीं होते वे आंदोलन को स्थगित नहीं करेंगे। उन्होंने कर्मियों को एकजुट रहने की अपील करते हुए 19 नवंबर को प्रदर्शनी मैदान में आयोजित होने वाली रैली में फिर से शामिल होने के लिए कहा। वहीं कर्मियों ने भी यूनियन के समर्थन में एकजुट होकर आंदोलन को सफल बनाने का प्रण लिया।  


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