फरवरी के पहले सप्ताह से काम छोड़ हड़ताल पर जाएंगे पीएचई कर्मचारी
सदस्यों ने कहा कि सरकार के उदासीन रवैये ने ही उन्हें यह कदम उठाने को मजबूर किया है।
जम्मू, जेएनएन। पीएचई अस्थायी कर्मियों के बाद स्थायी कर्मचारियों में सरकार के खिलाफ बढ़ता गुस्सा राज्यवासियों की दिक्कतें बढ़ा सकता है। सरकार के समक्ष कई बार रखी गई समस्याओं को हल करने के लिए कोई प्रभावी कदम न उठाए जाने से क्षुब्ध ये कर्मी फरवरी के पहले सप्ताह से काम छोड़ हड़ताल पर जाने का निर्णय ले चुके हैं। पीएचई वर्कर्स वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले आंदाेलन की मार्ग पर बढ़ने की तैयारी कर रहे ये कर्मी 26 जनवरी को पीएचई सब डिवीजन धौंथली में आयोजित मुख्य समारोह में आंदोलन की रूपरेखा की घोषणा करेंगे। एसोसिएशन ने सरकार को यह चेतावनी भी दी है कि यदि इस बीच उनकी मांगे हल हो जाती है तो वे हड़ताल को स्थगित कर देंगे। अन्यथा उनके सड़कों पर उतरने से संभाग में पानी की सप्लाई व्यवस्था ही नहीं विभागीय कामकाज भी प्रभावित होकर रह जाएगा।
यह फैसला एसोसिएाशन के प्रधान बख्शी सिंह, महासचिव सुभाष वर्मा की अध्यक्षता में बुलाई गई बैठक में लिया गया। सदस्यों ने कहा कि सरकार के उदासीन रवैये ने ही उन्हें यह कदम उठाने को मजबूर किया है। वर्मा ने कहा कि विभाग में कई सालों से अस्थायी पदों पर काम कर रहे कर्मियों को कई महीनों से वेतन नहीं दिया गया है। उन्हें स्थायी करने के लिए कदम उठाना तो दूर सरकार नियमित वेतन देने की नीति भी अभी तक नहीं बना पाई है। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार कर्मियों के हितों को लेकर कितना गंभीर है। स्थायी कर्मी भी यहां खुश नहीं हैं। उन्हें उनके अधिकारों से वंचित रखा जा रहा है। एसोसिएशन के बार सरकार के समक्ष डीपीसी कर रिक्त पदों को भरने, एसआरओ-149 से लाभान्वित कर्मचारियों से वसूली बंद करने की मांग कर रही है। परंतु कोई सुनवाई नहीं हुई।
इससे तो यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार को कर्मचारियों की परवाह नहीं है। ऐसे जब सरकार उनका हित नहीं सोच रही तो वे क्यों बार-बार उनका दरवाजा खटखटाएं। कर्मचारियों ने तय कर लिया है कि वे अपना हक छीनकर ही लेंगे। सुभाष वर्मा ने कहा कि फरवरी के पहले सप्ताह से काम छोड़ हड़ताल की शुरूआत की जाएगी। फाइनल तिथि की घोषणा 26 जनवरी समारोह में की जाएगी। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को संगठित करने के लिए जिला स्तर पर बैठकों का सिलसिला मंगलवार से शुरू हो जाएगा।
यह है मुख्य मांगे
- एसआरओ-520 के तहत अस्थायी कर्मियों को स्थायी किया जाए
- मारे गए अस्थायी कर्मियों के परिवार से एक सदस्यों को एसआरओ-43 स्थायी नौकरी दी जाए
- डेलीवेजर के तौर पर सेवानिवृत्त होने वाले कर्मी को पांच लाख रूपये सहायतार्थ दिए जाएं
- अस्थायी कर्मियों के लिए भी सेवानिवृत्त नीति बनाई जाए सहित अन्य मांगे शामिल हैं।