50 महीनों का वेतन मांग रहे पीएचर्इ कर्मी 21 को राज्य की जलापूर्ति करेंगे ठप
50 महीनों का वेतन न मिलने पर पीएचई कर्मियों ने शहर किया जाम। 21 से राज्य में पानी की सप्लाई ठप करने, 24 को राजभवन का घेराव करने की चेतावनी भी दी।
जम्मू, जेएनएन। पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग विभाग में 20 सालों से भी अधिक समय से अपनी सेवाएं दे रहे अस्थायी कर्मियों का सोमवार को राज्य प्रशासन के खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा। पचास से भी अधिक महीनों का वेतन न मिलने से क्षुब्ध साथी द्वारा खुदकुशी का प्रयास किए जाने पर भड़के इन कर्मियों ने हक के लिए आवाज बुलंद करते हुए शहर की सड़कों पर अाकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान शहर की सड़कों पर जाम की स्थिति रही। इस पर भी पीएचई प्रबंधन ने कोई सुध न ली तो इन कर्मियों ने चीफ इंजीनियर कार्यालय के बाहर ताला जड़ करीब दो घंटे तक स्टाफ को अंदर बंद रखा। एसडीपीओ जम्मू व चीफ इंजीनियर के प्रदर्शनकारियों के समझाने पर कर्मी शांत हुए।
कटड़ा में कार्यरत पीएचई अस्थायी कर्मी द्वारा आर्थिक तंगी के चलते खुदकुशी किए जाने के प्रयास के बाद आल जेएंडके पीएचई आईटीआई ट्रेंड एंड सीपी वर्कर्स यूनियन के नेताओं ने प्रदर्शनी मैदान में साप्ताहिक बैठक बुलाई। इसमें शामिल होने के लिए जम्मू संभाग के विभिन्न जिलों से हजारों कर्मी पहुंचे हुए थे। सरकार की नीतियों को जमकर कोसने के बाद इन कर्मियों ने राज्यपाल के कानों तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए सड़कों पर उतरने का निर्णय लिया। रैली निकालते हुए ये कर्मी सबसे पहले डोगरा चौक पर एकत्र हुए और करीब आधा घंटे तक वहीं धरना देकर अपनी मांगों के समर्थन में जमकर नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे प्रधान तनवीर हुसैन ने शहर वासियों को बताया कि पीएचई विभाग में कार्यरत 19 हजार से अधिक कर्मियों को पचास महीनों से भी अधिक समय से वेतन नहीं मिला है।
कई बार यह मामला प्रशासन के समक्ष उजागर करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई। अब इस रवैसे से तंग आकर कर्मी अपनी जान देने को मजबूर हो गए हैं। उनके लिए अपने परिवार का पालन-पोषण कर पाना भी मुश्किल हो गया है। पुलिस के आग्रह पर कर्मियों ने चीफ इंजीनियर कार्यालय का रूख किया। वहां पहुंचने पर भी कर्मियों ने काफी समय तक अपने हक के लिए आवाज उठाई परंतु किसी भी अधिकारी ने बाहर आकर उनकी समस्याओं को सुनने की जहमत नहीं उठाई।
गुस्साए कर्मियों ने चीफ इंजीनियर कार्यालय के बाहर ताला जड़ दिया अौर स्वयं बीसी रोड पर धरना देकर बैठ गए। सैकड़ों की संख्या में सड़कों पर उतरे इन कर्मियों के कारण बस स्टेंड मार्ग पर वाहनों का लंबा जाम लग गया। जाम की यह स्थिति करीब दो घंटे तक बनी रही। इस दौरान स्कूलों में छुट्टी भी हुई थी। स्कूली बच्चे व यात्री जाम में फंसकर रह गए। तभी मौके पर पहुंचे एसडीपीओ जम्मू ने हड़ताली कर्मियों को समझाने का प्रयास किया। उन्होंने चीफ इंजीनियर से भी कर्मियों से बात करने के लिए कहा। चीफ इंजीनियर अशोक कुमार गंडोत्रा ने कर्मियों को बताया कि अभी तक उनके पास बजट की प्रति नहीं आई है। जैसे ही वह आती है वह यूनियन नेताओं को इस बारे में सूचित कर देंगे। सरकार ने उनका बकाया वेतन देने का प्रावधान रखा है और उन्हें वेतन जल्द मिलेगा। अधिकारी के इस आश्वासन पर करीब दो घंटे बाद कर्मियों ने धरना उठाया और मार्ग पर यातायात बहाल हो पाया।
21 को पूरे राज्य में ठप रहेगी जलापूर्ति, 24 को करेंगे राजभवन का घेराव
आल जेएंडके पीएचई आईटीआई ट्रेंड एंड सीपी वर्कर्स एंड लैंड डोनर यूनियन के प्रधान तनवीर हुसैन ने कहा कि अब कर्मियों के सब्र का बांध टूट चुका है। कर्मी अपनी जान देने से भी कतरा नहीं रहे हैं। परंतु इन सबसे सरकार को कोई सरोकार नहीं है। उन्होंने राजकीय मेडिकल कालेज अस्पताल में उपचाराधीन अस्थायी कर्मी को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने और बकाया वेतन जारी करने के लिए पीएचई प्रबंधन को 20 दिसंबर तक का समय दिया। उन्होंने कहा कि यदि इस बीच ऐसा नहीं होता है तो 21 से कर्मी पूरे राज्य की जलापूर्ति ठप कर देंगे। इसके बाद भी यदि सुनवाई नहीं हुई तो 24 दिसंबर को वे राजभवन का घेराव करेंगे।