पीएचई ज्वाइंट फ्रंट 13 को करेगा चीफ इंजीनियर कार्यालय का घेराव
वर्मा ने बताया कि अपना हक पाने के लिए अस्थायी कर्मी पिछले कई महीनों से संघर्षरत हैं। पीएचई प्रबंधन ही नहीं प्रशासनिक अधिकारी भी उन्हें अब तक टालते आ रहे हैं।
जम्मू, जेएनएन। स्थायी नियुक्ति, बकाया वेतन जारी करने व पेबैंड बना नियमित वेतन देने की मांग को लेकर पीएचई ज्वाइंट फ्रंट ने प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोलने का निर्णय ले लिया है। चेतावनी के तौर पर पहले फ्रंट 13 मार्च को चीफ इंजीनियर कार्यालय का घेराव करेंगा। इस पर भी उन्हें संतोषजनक उत्तर नहीं मिला तो फिर उग्र आंदोलन की शुरूआत की जाएगी। फ्रंट के बैनर तले शुरू किए जाने वाले आंदोलन में केवल अस्थायी कर्मी ही नहीं बल्कि स्थायी कर्मचारी भी शामिल होंगे।
इस बात की जानकारी पीएचई इंप्लाइज यूनाइटेड फ्रंट के वरिष्ठ नेता एवं पीएचई वर्कर्स वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव सुभाष वर्मा ने बैठक के बाद दी। वर्मा ने बताया कि अपना हक पाने के लिए अस्थायी कर्मी पिछले कई महीनों से संघर्षरत हैं। पीएचई प्रबंधन ही नहीं प्रशासनिक अधिकारी भी उन्हें अब तक टालते आ रहे हैं। पचास महीनों से भी अधिक समय से वेतन न मिलने के कारण ये कर्मी आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं। त्यौहारों के दौरान भी वेतन जारी न कर सरकार ने इनकी दिक्कतें बढ़ाई हैं। जब कभी ये कर्मी सड़कों पर उतरते हैं, कोरे अश्वासन देकर उनकी भावनाओं से खेला जाता है। उनके साथ विभाग में काम कर रहे स्थायी कर्मचारी भी उनकी परेशानी से भलीभांति परिचित हैं।
इन कर्मियों के साथ हो रहे खिलवाड़ को देखते हुए सभी साथियों ने इनकी लड़ाई में शामिल होने का निर्णय लिया है। वर्मा ने कहा कि ज्वाइंट फ्रंट के बैनर तले स्थायी व अस्थायी कर्मचारी 13 मार्च को बीसी रोड स्थित चीफ इंजीनियर कार्यालय का घेराव करेंगे। इस पर भी उनकी मांगों को हल नहीं किया गया तो फ्रंट उसी समय अगली रणनीति घोषित करेगा।
वहीं पीएचई अस्थायी कर्मियों ने हर सोमवार की तरह इस बार भी प्रदर्शनी मैदान के बाद धरना-प्रदर्शन कर सरकार के समक्ष अपनी मांगों को उजागर किया। कर्मियों में इस बात को लेकर खासा गुस्सा था कि कई दावों के बाद भी सरकार ने अभी तक उनकी मांगों को हल करने के लिए जमीनी स्तर पर प्रभावी कदम नहीं उठाए हैं। आल जेएंडके पीएचई आईटीआई ट्रेंड एंड सीपी वर्कर्स यूनियन के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे कर्मियों ने कहा कि प्रशासन की यह बेरुखी उन्हें फिर सड़कों पर उतरने को मजबूर कर रही है।