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पीएचई अस्थायी कर्मियों को हक दिलाने में स्थायी कर्मचारी भी देंगे साथ, संयुक्त मंच बनाया

फ्रंट के सदस्यों ने कहा कि चेतावनी के तौर पर उनका संगठन 20 फरवरी को बीसी रोड स्थित चीफ इंजीनियर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करेगा।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 09 Feb 2019 05:35 PM (IST)Updated: Sat, 09 Feb 2019 05:35 PM (IST)
पीएचई अस्थायी कर्मियों को हक दिलाने में स्थायी कर्मचारी भी देंगे साथ, संयुक्त मंच बनाया
पीएचई अस्थायी कर्मियों को हक दिलाने में स्थायी कर्मचारी भी देंगे साथ, संयुक्त मंच बनाया

जम्मू, जागरण संवाददाता। पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग विभाग में काम कर रहे अस्थायी कर्मियों की दिन-प्रतिदिन बिगड़ती आर्थिक स्थिति को देखते हुए स्थायी कर्मचारियों ने भी उनकी लड़ाई में शामिल होने का निर्णय लिया है। स्थायी नियुक्ति, बकाया वेतन जारी करने, स्थायी होने तक नियमित वेतन जारी करने की मांग को लेकर 20 फरवरी को एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन करने की रणनीति बनाते हुए इन संगठनों ने पीएचई इंप्लाइज यूनाइटेड फ्रंट के गठन की घोषणा भी की। यही नहीं फ्रंट ने यह चेतावनी भी दी कि यदि इसके बाद भी उनकी मांग को नजरंदाज किया गया तो राज्य प्रशासन के खिलाफ बड़े आंदोलन की शुरूआत की जाएगी।

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करतार चंद दुबे की अध्यक्षता में शनिवार को बुलाई गई बैठक में पीएचई वर्कर्स वेलफेयर एसोसिएशन, वाटर वर्कर्स पीएचई इंप्लाइज एसोसिएशन, पीएचई डिपार्टमेंट ड्राइवर-क्लीनर यूनियन और गवर्नमेंट सर्विस असिस्टेंट पीएचई इंप्लाइज एसोसिएशन सहित अन्य संगठनों के पदाधिकारी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि अस्थायी पदों पर काम कर रहे इन कर्मियों के साथ कई सालों से अनदेखी हो रही है। रात दिन विभाग में काम करने वाले इन कर्मियों को जब भी वेतन देने की बात आती है तो उनकी नियुक्ति पर ही सवालिया निशान उठाना शुरू कर दिए जाते हैं।

अफसोस इस बात का है कि एसआरओ-520 लागू होने के बाद भी न तो इन कर्मियों को स्थायी किया जा रहा है और न ही सालों से बकाया पड़ा उनका वेतन दिया जा रहा है। अपने साथ काम कर रहे इन गरीब कर्मियों के साथ बेइंसाफी वे कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं। टालमटोल की यह नीति कई महीनों से चली आ रही है। पूर्ववर्ती सरकारों के बाद अब राज्यपाल भी इन कर्मियों की समस्याओं को हल करने में आनाकानी कर रहे हैं। यही वजह है कि उन्होंने भी इन कर्मियों का समर्थन देने का निर्णय लिया है। संयुक्त मंच की ओर से सरकार के समक्ष मांगे रखते हुए उन्होंने स्थायी नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाने, बकाया वेतन एक बार में चुकता करने, मरने वाले अस्थायी कर्मियों के परिजनों में से एक सदस्य को नौकरी देने, सेवानिवृत्त हुए अस्थायी कर्मी को पांच लाख रूपये सहायता राशि के तौर पर देने या उनके लिए व्यापक योजना बनाने सहित अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए।

फ्रंट के सदस्यों ने कहा कि चेतावनी के तौर पर उनका संगठन 20 फरवरी को बीसी रोड स्थित चीफ इंजीनियर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करेगा। उसके बाद भी यदि इसे गंभीरता से नहीं लिया जाता है तो बड़े स्तर पर आंदोलन शुरू किया जाएगा। बैठक में करतार चंद दुबे, देवेंद्र सिंह, सुभाष वर्मा, अजय शर्मा, कुलभूषण सिंह, भानू प्रताप सिंह सहित अन्य उपस्थित थे।


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