Income Tax: जम्मू-कश्मीर में मुख्यमंत्री, मंत्री व विधायक खुद भरते हैं इनकम टैक्स
income tax in Jammu and Kashmirजम्मू कश्मीर में मुख्यमंत्री मंत्री व विधायक अपना इनकम टैक्स खुद भरते आए हैं।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। income tax in Jammu and Kashmir जम्मू कश्मीर में मुख्यमंत्री, मंत्री व विधायक अपना इनकम टैक्स खुद भरते आए हैं। प्रदेश में कभी भी ऐसी व्यवस्था नहीं रही कि जन प्रतिनिधियों का इनकम टैक्स सरकार के खाते से जाए। जम्मूकश्मीर में विधायक, विधान परिषद के सदस्य का वेतन 1.60 लाख रुपये प्रति माह है।
मुख्यमंत्री व कैबिनेट मंत्रियों को विधायकों से 10 हजार रुपये अधिक वेतन मिलता है। विधायक के वेतन में 60 हजार रुपये बेसिक, साठ हजार रुपये विधानसभा क्षेत्र भत्ता, 30 हजार टेलीफोन के लिए व मेडिकल के दस हजार रुपये शामिल हैं। इन भत्तों के अलावा मुख्यमंत्री व कैबिनेट मंत्रियों को दस हजार रुपये कैबिनेट मंत्री भत्ता मिलने से उनका वेतन 1.70 लाख रुपये बनता है।
विधानसभा के स्पीकर व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. निर्मल सिंह का कहना है कि जम्मू कश्मीर में सरकार की ओर से जनप्रतिनिधियों का इनकम टैक्स देने की व्यवस्था कभी भी नहीं रही है। यहां मंत्रियों, विधायकों को अपना इनकम टैक्स खुद ही देना होता है।
उन्होंने बताया कि वह भी अपना इनकम टैक्स खुद ही भरते आए हैं। तीन बार नेशनल पैंथर्स पार्टी के विधायक रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री हर्षदेव सिंह का कहना है कि उन्हें इस समय 80 हजार रुपये पेंशन के रूप में मिल रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस समय विधायक की पेंशन 60 हजार रुपये हैं। वह तीन बार विधानसभा के सदस्य रहे हैं, इस लिहाज से उन्हें 20 हजार रुपये अधिक मिल रहे हैं।
जम्मू कश्मीर में भाजपा-पीडीपी की सरकार जून 2018 को गिर गई थी। इसके बाद नवंबर 2018 में विधानसभा भी भंग होने के कारण इस समय कोई विधायक नहीं है। अक्टूबर के अंत में जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन के विधेयक प्रभावी हो जाने के बाद जम्मू कश्मीर व लद्दाख अलग अलग केंद्र शासित प्रदेश बन जाएंगे।