महज 4000 रुपये के चक्कर में मनानू गांव एक माह से है प्यासा, जानिए क्या है मामला! Jammu News
पूरा मनानू गांव पीएचई विभाग की कार्यशैली पर बड़े सवाल खड़े कर रहा है। यदि जल्द विभाग के अधिकारी नहीं चेते तो ग्रामीण सड़क पर भी उतर सकते हैं।
सांबा, सुनील चौधरी। आपको यह जानकर हैरानगी होगी कि लाेगों को नियमित पानी की सप्लाई देने वाले पीएचई विभाग ने जिला सांबा के एक गांव की पानी की सप्लाई महज इसलिए रोक रखी है क्योंकि वहां पेश आ रही तकनीकी खराबी को दुरुस्त करने के लिए चार हजार रूपये का खर्च आता है। हद तो यह है कि विभाग विभाग के वरिष्ठ अधिकारी इस लापरवाही के लिए एक दूसरे को कसूरवार ठहरा रहे हैं।
विभाग के अधिकारी चाहे जो भी तर्क दें परंतु सच्चाई तो यही है कि महज 4000 रुपये के चक्कर में जिले का एक गांव एक माह से प्यासा है। पीएचई विभाग इस गांव की पेयजल आपूर्ति को नहीं सुचारु करवा रहा है। इससे ग्रामीणों में भारी रोष है। उनका कहना है कि यदि विभाग के पास पैसे नहीं हैं तो वे आपस में जुटाकर विभाग को दान दे देंगे, लेकिन वह पानी की आपूर्ति शुरू करवाए।
जानकारी के मुताबिक सांबा जिले के मनानू गांव में एक माह से पीएचई विभाग की तरफ से की जाने वाली पेयजल आपूर्ति बंद है। ग्रामीणों के मुताबिक जिस टैंक से गांव के लिए पाइप से पानी की सप्लाई की जाती है, उस पाइप में लगा वाल्व खराब हो गया है। इससे पानी आगे नहीं जाता है। जब ग्रामीणों ने इस संबंध में पीएचई विभाग के अधिकारियों से बात की तो उन्होंने विभाग के स्टोर में वाल्व नहीं होने की बात कही। ग्रामीणों ने बताया कि यह वाल्व तीन से चार हजार रुपये में बाजार से भी खरीदकर लगाया जा सकता है, लेकिन विभाग के अधिकारी कहते हैं कि बाहर से खरीदने पर मनाही है। ऐसे में महज तीन-चार हजार रुपये के चक्कर में पूरे मनानू गांव की पेयजल आपूर्ति एक माह से बंद पड़ी है।
गांववासी विभाग की कार्यप्रणाली से नाराज
पूरा मनानू गांव पीएचई विभाग की कार्यशैली पर बड़े सवाल खड़े कर रहा है। यदि जल्द विभाग के अधिकारी नहीं चेते तो ग्रामीण सड़क पर भी उतर सकते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि संविधान में हमें कुछ बुनियादी अधिकार दिए गए हैं। उनकों मुहैया करवाना हर सरकार का कर्तव्य है। वैसे भी जो सरकार गरीब गांव वालों को पानी की सुविधा नहीं दे सकती है, उसे बड़ी-बड़ी बातें नहीं करनी चाहिए।
गांव में सुविधाओं का अभाव : गांव में वैसे भी सुविधाओं का बेहद अभाव हाोता है। ऐसे में कम से कम पीने के लिए पानी की सुविधा तो सरकार को मुहैया करवानी चाहिए। कुछ ग्रामीण इस बात पर भी नाराज थे कि हर बार विभाग के अधिकारी एक दूसरे पर अपनी जिम्मेदारी टालते रहते हैं। कोई अधिकारी नहीं होता है, जो पहलकदमी लेकर ग्रामीणों की समस्याओं को सुने और उनको दूर करवाए। यही वजह है कि ग्रामीणों का गुस्सा अब बढ़ रहा है, जो कभी भी फूट सकता है। गंव की महिलाओं का कहना था कि उन्हें सुबह बच्चों को स्कूल भेजने के समय सबसे ज्यादा परेशानी होती है। उस समय जल्दी जल्दी में बच्चों के लिए भोजन पकाकर स्कूल भेजना होता है, लेकिन पानी नहीं होने से उनको सबसे ज्यादा परेशानी होती है। दिनभर परिवार के सदस्यों को पीने के लिए पानी का इंतजाम करने में लगे रहना पड़ता है। दिनभर गांव में महिलाओं को बाल्टी लेकर आसपड़ोस से पानी लेकर जाते देखा जा सकता है।
यदि यही समस्या वीआइपी इलाके की होती, तब क्या करते अधिकारी
गांव की रहने वाली महिला पोली देवी ने बताया कि वे क्षेत्र में पीने के पानी की समस्या को लेकर कई बार अधिकारियों को सूचित कर चुकी हैं, लेकिन अधिकारियों को ग्रामीणों की परेशानियों से कोई लेना-देना नहीं है। इसी तरह क्षेत्र के निवासी सुखङ्क्षवद्र सिंह, चमनलाल, तीर्थराम आदि ने भी गुस्से का इजहार करते हुए कहा कि गांव के गरीबों को पानी के लिए सरकार तरसा रही है। उन्होंने पूछा कि यदि यही किसी वीआइपी इलाके की बात होती तो क्या पीएचई विभाग इसी तरह की बात करता। तब क्या वे कहते कि स्टोर में वाल्व नहीं है इसलिए पानी की सप्लाई नहीं बहाल की जा सकती है।
बाहर से वाल्व खरीदने पर मनाही है, हम क्या करें: जेईई, एईई
पीएचई विभाग में तैनात जेई व एईई स्तर के अधिकारियों से जब मनानू गांव में पानी की समस्या के बारे में पूछा गया तो उन्होंने साफ कह दिया कि स्टोर में वाल्व नहीं है। इससे पहले जरूरत पडऩे पर चयनित संस्थाओं से खरीद होती थी, अब बंद है। ऐसे में वे क्या कर सकते हैं। जेई कटोच व एईई शिव अबरोल ने बताया कि उन्होंने पता किया है स्टोर में दो इंच, ढाई इंच व तीन इंच के वाल्व नहीं हैं। इसकी वजह से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन वे कर ही क्या सकते हैं।
एक्सईएन बोले-स्टोर में वाल्व नहीं तो बाहर से खरीद लेते
सांबा में पीएचई विभाग के डिवीजन का कार्यभार संभाल रहे एक्सईएन अजय गुप्ता को जब मनानू गांव में पेयजल आपूर्ति ठप होने के बारे में बताया गया तो उनका साफ कहना था कि यदि विभाग के स्टोर में कोई सामान नहीं होता है तो उसे बाहर से खरीदा जाता है। हालांकि ऐसे में उन पर भी सवाल उठता है कि यदि बाहर से वाल्व खरीदा जा सकता है तो उन्होंने पाइप में वाल्व लगवाकर मनानू गांव की पेयजल आपूर्ति क्यों नहीं शुरू करवाई। एक माह से मनानू को क्यों प्यासा रखा।
चार माह से सांबा डिवीजन में एक्सईएन ही नहीं
पीएचई विभाग में सांबा डिवीजन के लिए पिछले चार माह से एक्सईएन ही नहीं है। जम्मू के एक्सईएन अजय गुप्ता के पास ही सांबा डिवीजन का चार्ज है। सांबा डिवीजन का अपना एक्सईएन न होने के कारण यहां पर आ रही समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है। इसकी वजह से आम लोग को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।