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वीरान सीमा की फिजा में बारूद की गंध

विवेक ¨सह, जम्मू वीरान सीमा की फिजा में बारूद की गंध है। अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे रिहायश्

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 May 2018 02:46 AM (IST)Updated: Fri, 25 May 2018 02:46 AM (IST)
वीरान सीमा की फिजा में बारूद की गंध
वीरान सीमा की फिजा में बारूद की गंध

विवेक ¨सह, जम्मू

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वीरान सीमा की फिजा में बारूद की गंध है। अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे रिहायशी इलाकों में दहशत भरी शांति डरा रही है। ऐसे में आदमी तो क्या माल मवेशी भी सीमा की ओर जाने से कतरा रहे हैं। यह मंजर नौ दिन तक पाकिस्तान की गोलाबारी झेलने वाले सीमांत क्षेत्र में एक दिन की शांति का है। लोग सुरक्षित जगहों पर पलायन कर गए हैं और गांव, घर खाली पड़े हुए हैं।

बुधवार दोपहर बाद से जम्मू संभाग में करीब दो सौ किलोमीटर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गोले नहीं गिरे हैं। ऐसे हालात में पाकिस्तान की नीयत पर शक करने वाले करीब डेढ़ लाख सीमांतवासी अपने घरों से दूर रिश्तेदारों के घरों या जिला प्रशासन की ओर से बनाए गए राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। जब तक दोनों देशों के बीच फ्लैग मी¨टग में गोलाबारी बंद करने का फैसला नहीं होता है तब तक वे अपने घरों में नहीं लौटेंगे।

ऐसे हालात में जम्मू जिले के बिश्नाह के अरनिया इलाके में वीरवार को भुतहा सन्नाटा था। मंदिर भी वीरान पड़े हुए हैं। 41 हजार की आबादी वाले अरनिया कस्बे में 10 आदमी को भी तलाशना मुश्किल है। जो थोड़े लोग बचे हैं, उन्होंने इस हालात से समझौता कर लिया है और परिवारों के सुरक्षित स्थानों पर जाने के बाद अब उन्हें किसी चीज का खौफ नहीं है। कस्बे में हर तरफ तबाही का मंजर है। जहां-तहां मोर्टार फटने से बर्बाद घर व घायल माल मवेशी के खून के निशान हैं।

त्रेवा के देस राज भी गोलाबारी होने के बावजूद घर छोड़ कर नहीं गए। उनका कहना है कि पाकिस्तान ने कस्बे में अधिक से अधिक खून-खराबा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। वह सीमा पर अस्थायी शांति में पाकिस्तान की साजिश देखते हैं। उनका कहना है कि कई बार ऐसा होता है कि पाकिस्तान शांत होकर सीमांतवासियों के घर लौटने का इंतजार करता है। जब लोग आ जाते हैं तो फिर गोले दागने लगता है। खाली गांवों पर गोले दागकर उसे क्या मिलेगा।

नौ दिन की गोलाबारी में जम्मू संभाग के कठुआ, सांबा व जम्मू जिले के दो सौ से अधिक गांव प्रभावित हैं। गोलाबारी से दो सीमा प्रहरियों समेत 12 लोगों की मौत हुई है, जबकि करीब 60 लोग घायल हैं। जम्मू के राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पिछले कुछ दिनों में 54 घायलों को इलाज के लिए दाखिल किया गया। इस समय भी करीब 30 लोग इलाज करवा रहे हैं।

जम्मू के अतिरिक्त जिलाधीश अरुण मन्हास ने बताया कि पाकिस्तानी गोलाबारी में सबसे अधिक जानमाल का नुकसान जम्मू जिले में हुआ है। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार जिले में सीमा के पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले 114 गांवों में से 80 गांवों के 1.15 लाख लोग प्रभावित हैं। इनमें से 72,500 लोगों ने मंगलवार तक पलायन कर लिया था। नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। जिले में सात मौतें हुई हैं और 30 लोग घायल हुए हैं। इसके साथ ही 72 घरों को नुकसान पहुंचा है। 27 मवेशी मारे गए और 60 घायल हैं।

लोगों के साथ ही सीमा सुरक्षा बल के जवान भी पाकिस्तान की ओर से शांति को शक की नजर से देख रहे हैं। जम्मू फ्रंटियर के आइजी राम अवतार का कहना है कि सीमा प्रहरी किसी भी हालात का सामना करने के लिए तैयार हैं। सीमा पार से किसी भी शरारत का सीमा प्रहरी कड़ा जवाब देंगे।


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