महबूबा के मामा सहित पीडीपी के कई पदाधिकारियों के इस्तीफे
अंतर्कलह से जूझ रही पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सरताज मदनी सहित सभी प्रमुख पदाधिकारियों ने अपने पदों से इस्तीफे दे दिए।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। अंतर्कलह से जूझ रही पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सरताज मदनी सहित सभी प्रमुख पदाधिकारियों ने अपने पदों से इस्तीफे दे दिए। पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को इस्तीफे सौंप दिए गए हैं।
पार्टी प्रवक्ता रफी अहमद मीर ने कहा कि सभी ने संगठनात्मक सुधार को गति देने के लिए स्वेच्छा से पद छोड़ा है। अलबत्ता, पीडीपी के बागी विधायक इसे ड्रामा करार दे रहे हैं।पीडीपी में पदाधिकारियों के इस्तीफों की शुरुआत सुबह पार्टी उपाध्यक्ष मुहम्मद सरताज मदनी के इस्तीफे से शुरू हुई। वह महबूबा के मामा हैं। सरताज को महबूबा ने गत वर्ष पार्टी में संगठनात्मक बदलाव करते हुए महासचिव से वरिष्ठ उपाध्यक्ष बनाया था। वह देवसर सीट से 2014 में चुनाव हार गए थे।
जून में पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार गिरने के बाद पीडीपी में विरोध के मुखर हुए स्वरों में अक्सर सरताज को लेकर नाराजगी ही सुनने को मिलती थी। बागियों ने महबूबा पर लगाए थे आरोप : बागी विधायकों जिनमें इमरान रजा अंसारी, आबिद अंसारी, अब्बास अहमदवानी, अब्दुल मजीद पडर और जावेद हुसैन बेग हैं, ने गत दिनों प्रेस कांफ्रेंस में आरोप लगाया था कि महबूबा और उनके निकट संबंधी सरताज के अलावा पीर मंसूर हुसैन संगठन में सिर्फ परिवारवाद को ही प्रोत्साहित करते हैं।
अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं की लगातार उपेक्षा होती है। मजीद पडर ने महबूबा के साथ बैठक में सरताज समेत कुछ लोगों को पदमुक्त करने को भी कहा था।
ओहदा नहीं, संगठन जरूरी : सरताज सरताज मदनी ने कहा कि संगठन जरूरी है, ओहदा नहीं। मैंने कभी पीडीपी की नीतियों से समझौता नहीं किया है। मैं एक वर्कर के तौर पर बेहतर काम करने में समर्थ हूं।
मैंने अपना इस्तीफा पार्टी प्रमुख को भेज दिया है। पार्टी के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों ने भी अपने पदों से इस्तीफे पार्टी प्रमुख महबूबा मुफती को भेज दिए। पार्टी के प्रमुख प्रवक्ता रफी अहमद मीर ने बताया कि सभी उपाध्यक्षों, महासचिवों, सचिवों और कोषाधिकारी ने अपने इस्तीफे महबूबा मुफती को सौंप दिए हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या संगठन में लगातार मुखर हो रहे बागियों को शांत करने के लिए है तो उन्होंने इससे इंकार करते हए कहा कि यह इस्तीफे संगठनात्मक सुधार और बदलाव का रास्ता तेयार करने के लिए सभी ने स्वेच्छा से दिए हैं। किसी को इस्तीफा देने के लिए नहीं कहा गयाहै।
नए पदाधिकारियों की घोषणा महबूबा जल्द ही करेंगी। मदनी के इस्तीफे का कोई फायदा नहीं : पडरबागी विधायकों में शामिल अब्दुल मजीद पडर ने कहा कि यह फैसला तो संगठन को नुकसान पहुंचने से पहले होना चाहिए।
मदनी के इस्तीफे का कोई फायदा नहीं है और यह सिर्फ उन्होंने अपनी साख बचाने के लिए दिया है। बेहतर होता पार्टी अध्यक्ष महबूबा खुद उन्हें समय रहते उपाध्यक्ष पद से हटाती। जब उनका ध्यान 51 विधायकों के समर्थन संबंधी उनके एक दावे की तरफ दिलाया तो उन्होंने कहा कि यह गिनती 55 हो चुकी है समय आने पर हम 51 नहीं 55 विधायकों संग सरकार बनाएंगे।