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महबूबा ने जम्मू संभाग के पीडीपी नेताओं से की वर्चुअल बैठक, कहा-भाई भतीजावाद ने प्रशासनिक तंत्र को बनाया पंगु

महबूबा ने कहा कि जम्मू कश्मीर विशेषकर जम्मू में सभी वर्गों और मजहबों के लोगो की मिली जुली आबादी है। इसके लिए संतुलित प्रशासन चाहिए। दो वर्षों में भाई भतीजावाद के जारी खेल ने प्रशासनिक असंतुलन पैदा कर दिया है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 03 Jun 2021 07:28 AM (IST)Updated: Thu, 03 Jun 2021 07:28 AM (IST)
महबूबा ने जम्मू संभाग के पीडीपी नेताओं से की वर्चुअल बैठक, कहा-भाई भतीजावाद ने प्रशासनिक तंत्र को बनाया पंगु
अतिक्रमण हटाने के नाम पर जनजातीय आबादी को प्रताड़ित किया जा रहा।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती अब प्रदेश के प्रशासनिक तंत्र पर सवाल उठाने लगी हैं। उसका कहना है कि कोरोना से पैदा गंभीर संकट में प्रशासनिक उदासीनता, कुप्रबंधन और भाई भतीजावाद जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए घातक साबित हो रहा है।

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महत्वपूर्ण पदों पर जिम्मेदार, कर्मठ, अनुभवी और योग्य अधिकारियों के बजाय कुछ खास लोगों को नियुक्त करने से अराजक स्थिति पैदा हो चुकी है। बुधवार को उन्होंने यह बातें जम्मू संभाग के पीडीपी नेताओं की वर्चुअल बैठक को संबोधित करते हुए कही।

महबूबा ने कहा कि जम्मू कश्मीर विशेषकर जम्मू में सभी वर्गों और मजहबों के लोगो की मिली जुली आबादी है। इसके लिए संतुलित प्रशासन चाहिए। दो वर्षों में भाई भतीजावाद के जारी खेल ने प्रशासनिक असंतुलन पैदा कर दिया है। अतिक्रमण हटाने के नाम पर जनजातीय आबादी को प्रताड़ित किया जा रहा।

कुछ खास सियासी लोगों को खुश करने के लिए आम लोगों को दरकिनार किया जा रहा। सरकारी उदासीनता के चलते व्यापारी, उद्योगपति, ट्रांसपोर्टर, किसान, श्रमिकों समेत समाज का हर वर्ग आज खुद को उपेक्षित महसूस कर रहा है। महबूबा ने कहा कि जम्मू में अक्सर यह हवाला दिया जाता था कि अनु'छेद 370 हटेगा तो यहां विकास व खुशहाली आएगी, लेकिन अब तो यहां महामारी से लड़ रहे लोगों को दवाई तक नहीं मिल रही है।

जम्मू में कोरोना संक्रमितों की मौत का बढ़ता आंकड़ा इसकी तस्दीक करता है। भाई भतीजावाद ने पूरे प्रशासनिक तंत्र को पंगु बना दिया है। लोगों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। उन्होंने पीडीपी नेताओं व कार्यकर्ताओं को आम लोगों के बीच जाकर उनकी मदद का का निर्देश दिया। जम्मू कश्मीर के अवाम के राजनीतिक, सामाजिक व आॢथक हितों का भी संरक्षण करना है। 


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