पीडीडी अस्थायी कर्मियों ने मांगा आठ सालों का वेतन, किया सिचवालय घेराव का प्रयास
कर्मियों ने प्रशासन को यह चेतावनी दी कि यदि आगामी पेश आने वाले बजट में बकाया वेतन जारी करने, एसआरओ-381 को लागू कर उन्हें डेलीवेजर के तौर पर नियुक्त नहीं किया तो आंदोलन तेज होगा।
जम्मू, जेएनएन। बिजली विभाग में आठ से ग्यारह सालों से अपनी सेवाएं दे रहे अस्थायी कर्मियों ने वीरवार को सचिवालय घेराव का प्रयास किया। चीफ इंजीनियर कार्यालय से रैली निकाल सचिवालय की ओ जा रहे इन कर्मियों को पुलिस ने ज्यूल चौक से आगे नहीं बढ़ने दिया। करीब आधा घंटा ज्यूल चौक में ही नारेबाजी करते हुए इन कर्मियों ने प्रशासन को यह चेतावनी दी कि यदि आगामी पेश आने वाले पीडीडी बजट में बकाया वेतन जारी करने, एसआरओ-381 को लागू कर उन्हें डेलीवेजर के तौर पर नियुक्त नहीं किया तो आंदोलन तेज होगा।
अपनी मांगे सरकार के कानों तक पहुंचाने के लिए ये कर्मी पिछले दो दिनों से चीफ इंजीनियर कार्यालय के बाहर काम छोड़ हड़ताल पर बैठे हुए थे। प्रदर्शन में शामिल मोहेंद्र सिंह ने बताया कि नीड बेसड कर्मियों की संख्या 3450 के करीब है। इनमें से कई कर्मी ग्यारह सालों से जबकि कई आठ सालों से विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वेतन की बात करें तो अधिकतर कर्मियों को आठ से नौ सालों से वेतन ही नहीं मिला है। जब कभी कर्मियों ने अधिकारियों से वेतन की मांग की, उन्हें यह कहकर टाल दिया कि डिमांड सरकार को भेजी गई है, राशि जारी होते ही दे दी जाएगी।
कर्मियों का नेतृत्व कर रहे यूनियन प्रधान अखिल शर्मा ने बताया कि एक दर्जन से अधिक अस्थायी कर्मी मरम्मत कार्य करते हुए अपनी जान गवां चुके हैं। जबकि इतने ही कर्मी अपाहिजों का जीवन व्यतीत कर रहे हैं। अफसोस इस बात का है कि जो कर्मी जान गंवा चुके हैं, उनके परिजनों को मुआवजा तक नहीं मिला है। जो घायल व अपाहिज हैं, उनके द्वारा इलाज पर खर्च की गई राशि भी नहीं मिली है। आर्थिक तंगी से परेशान ये कर्मी अब हताश हो चुके हैं। यदि इसी तरह उनकी अनदेखी की गई तो उन्हें मजबूरन कड़ा कदम उठाना पड़ेगा।
अखिल ने कहा कि अगले दो दिनों में बिजली विभाग का बजट पेश होगा। कर्मी चाहते हैं कि उसमें उनकी परेशानियों का निपटारा हो। बकाया वेतन जारी करने के साथ उन्हें एसआरओ-381 का लाभ देते हुए डेलीवेजर के तौर पर नियुक्त किया जाए और नियमित वेतन देने की व्यवस्था की जाए। इस मांग को लेकर कर्मियों ने सचिवालय तक रैली निकालने का प्रयास भी किया। ये कर्मी ज्यूल चौक तक तो पहुंच गए परंतु आगे तैनात पुलिस जवानों ने उन्हें वहां से आगे जाने की अनुमति नहीं दी। लिहाजा कर्मियों ने वहीं प्रदर्शन समाप्त करते हुए मांगों का निपटारा जल्द न होने पर आंदोलन का रूख कड़ा करने की चेतावनी दी। यूनियन नेताओं ने कहा कि अगली रणनीति वे बजट पेश होने के बाद तय करेंगे।