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मैनुअल की जगह लगाने होंगे स्मार्ट मीटर

जागरण संवाददाता, जम्मू : बिजली विभाग पहले चरण में जम्मू व श्रीनगर में लगाए गए मैनुअल इलेक्ट्रानिक

By JagranEdited By: Published: Fri, 10 Aug 2018 07:55 PM (IST)Updated: Fri, 10 Aug 2018 07:55 PM (IST)
मैनुअल की जगह लगाने होंगे स्मार्ट मीटर

जागरण संवाददाता, जम्मू : बिजली विभाग पहले चरण में जम्मू व श्रीनगर में लगाए गए मैनुअल इलेक्ट्रानिक मीटर को बदलेगा। बिजली चोरी रोकने और राजस्व वसूली को बेहतर बनाने के लिए विभाग यह कदम उठाने जा रहा है। दरअसल मैनुअल इलेक्ट्रानिक मीटर में री¨डग को बदलना काफी आसान है। इसके अलावा इस मीटर का मॉडल काफी पुराना होने के कारण पीडीडी फील्ड स्टाफ के लिए मीटर री¨डग इंस्ट्रूमेंट (एमआरआइ) के जरिये री¨डग लेना भी संभव नहीं है।

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जम्मू कश्मीर देश के उन आठ राज्यों में शामिल है, जिसका ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन नुकसान घटने के बजाय और बढ़ गया है। जम्मू कश्मीर 61.6 फीसद के साथ देश में पहले स्थान पर है। दूसरे राज्यों के मुकाबले यहां ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन नुकसान व बिजली चोरी इतना अधिक होना इस बात का सूचक है कि यहां बिजली आपूर्ति और वितरण का बुनियादी ढांचा चरमराया हुआ है। राज्यपाल एनएन वोहरा ने बिजली सप्लाई व्यवस्था को बेहतर बनाने व राजस्व वसूली प्रणाली को सुदृढ़ बनाने के निर्देश दिए हैं।

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री¨डग के नाम पर की जा रही गड़बड़ी

मीटर से छेड़छाड़ कर बिजली चोरी को रोकने के लिए एमआरआइ लागू करने की तैयारी की जा रही है। वर्ष 2005 में एस्लरेटिड पावर डेवलपमेंट रिफार्म प्रोग्राम के पहले चरण में विभाग ने जो मैन्युअल इलेक्ट्रानिक मीटर शहर में लगाए थे, उनकी री¨डग एमआरआइ के जरिये लेना संभव नहीं है। यह मॉडल पुराना है। जम्मू व श्रीनगर में इन मीटरों की संख्या एक लाख से अधिक है। इन्हें बदलने के लिए क्या नीति रहेगी, इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है।

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मीटर री¨डग के लिए घर

में नहीं आना पड़ेगा

बिजली विभाग का कहना है कि नए मीटर खरीदने के लिए टेंडर आमंत्रित किए गए हैं। परेड डिवीजन के एग्जिक्यूटिव इंजीनियर नील कमल ¨सह ने बताया कि मीटर री¨डग इंस्ट्रूमेंट बिजली चोरी पर अंकुश लगाने में कारगर है। सबसे बड़ी बात यह है कि मीटर रीडर को री¨डग लेने के लिए घर के अंदर नहीं आना पड़ेगा। घर के बाहर से ही री¨डग ली जा सकती है। यह री¨डग पूरी तरह सही होगी। यही नहीं उपभोक्ता ने यदि मीटर में कोई छेड़छाड़ की होगी तो उसका पता भी इस उपकरण से लग जाएगा। यही वजह है कि सरकार ने पुराने मीटरों को हटाकर नए मीटर लगाने का निर्णय लिया है।


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