Move to Jagran APP

Jammu Kashmir :मंत्रियों के आउटरीच कार्यक्रम में जाने से रोका, रामबन के 50 सरपंचों व पंचों ने दिया सामूहिक इस्तीफा

प्रशासनिक अधिकारी उन लोगों को केंद्रीय मंत्रियों के साथ मुलाकात या संवाद का मौका नहीं देतेजो मौजूदा विकास परियोजनाओं की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हैं। बनिहाल में बीते दिनों ग्रामीण विकास राज्यमंत्री आए थे। उन्होंने पंच सरपंचों को उनके सभी तर्कसंगत मुददों के यथाशीघ्र समाधान का यकीन दिलाया है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 09 Oct 2021 06:56 PM (IST)Updated: Sat, 09 Oct 2021 06:56 PM (IST)
Jammu Kashmir :मंत्रियों के आउटरीच कार्यक्रम में जाने से रोका, रामबन के 50 सरपंचों व पंचों ने दिया सामूहिक इस्तीफा
50 पंच-सरपंचों ने अपनी उपेक्षा का आरोप लगाते हुए सामूहिक इस्तीफा दे दिया है।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रदेश सरकार द्वारा पंचायत राज संस्थानों और उनके प्रतिनिधियों को सशक्त बनाने के किए जा रहे दावों के बीच रामबन जिले में 50 पंच-सरपंचों ने अपनी उपेक्षा का आरोप लगाते हुए सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्रियों के आउटरीच कार्यक्रम में उन्हें प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें जाने नहीं दिया क्योंकि उन्हें डर था कि वे कार्याें की गुणवता पर सवाल उठाएंगे। सरपंचों, पंचों का यह भी आरोप है कि प्रशासनिक अधिकारी उन्हें पंचायतों से संबधित हर नीतिगत मुददे पर दरकिनार करते हैं। वायदों के मुताबिक, उन्हें संबधित संवैधानिक अधिकार भी पूरी तरह से प्रदान नहीं किए गए हैं। जिला पंचायत अधिकारी अशोक सिंह ने सामूहिक रुप से इस्तीफे का एलान करने वाले सभी पंच सरपंचों से संपर्क कर, उन्हें इस्तीफा वापस लेने के लिए मनाने का प्रयास किया है। उन्होंने पंच सरपंचों को उनके सभी तर्कसंगत मुददों के यथाशीघ्र समाधान का यकीन दिलाया है।

loksabha election banner

इस बीच,पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने इस मामले पर भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में हालात को सामान्य दिखाने, पंचायतों को सशक्त बनाने का जो ड्रामा रचा गया है, उसकी असलियत सामने आ गई है।

यहां मिली जानकारी के अनुसार, इस्तीफा देने वाले सभी 50 पंच-सरपंच जिला रामबन में बनिहाल और रामसू ब्लाक से संबध रखते हैं। इन्हाेंने अपने इस्तीफे संबधित ब्लाक विकास परिषद के अध्यक्ष और ब्लाक विकास अधिकारी को सौंपे हैं। इस्तीफा देने वाले सरपंचों में शामिल गुलाम रसूल मट्टु, तनवीर अहमद कटोच और मोहम्मद रफीक खान ने आरोप लगाया है कि चुनाव के समय सरकार ने जो बड़े बड़े दावे किए थे, वह सिर्फ सरकारी घोषणाओं और कागजों में ही सिमट चुके हैं। उन्हाेंने आरोप लगाया कि संबधित प्रशासनिक अधिकारी अनावश्यक रुप से पंचायतों के कामकाज में हस्ताक्षेप करते हैं। हमारी पंचायतों की कई विकास योजनाओं को कार्यान्वित करने के संदर्भ में हमे नहीं बताया गया है। हमने बीते शुक्रवार को अपने सभी साथियों की एक बैठक बुलाई थी और उसमें ही इस्तीफे का फैसला लिया है।

केंद्रीय मंत्रियों के रामबन, बनिहाल, रामसू व अन्य इलाकों में दौरों के संदर्भ में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन सिर्फ अपने चहेते पंच5सरपंचों को ही उनके समक्ष अपना पक्ष रखने का मौका देती है। प्रशासनिक अधिकारी उन लोगों को केंद्रीय मंत्रियों के साथ मुलाकात या संवाद का मौका नहीं देते, जो मौजूदा विकास परियोजनाओं की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हैं। बनिहाल में बीते दिनों ग्रामीण विकास राज्यमंत्री आए थे। पूरे ब्लाक में 12 सरपंच है और सिर्फ एक ही सरपंच को उनसे मिलने का मौका दिया गया। गुलाम रसूल मट्टु ने कहा कि रेलवे राज्यमंत्री बीते सप्ताह बनिहाल आई थी, मैने मिलने का प्रयास किया तो मना कर दिया गया।

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रवक्ता मोहित भान ने इस मुददे को लेकर अपने टवीटर हैंडल पर लिखा है कि 55 पंच-सरपंचों ने सामूहिक रुप से इस्तीफा दे दिया है। इस घटना ने प्रदेश सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर में पंचायत राज संस्थानों और पंच सरपंचों को संवैधानिक रुप से मजबूत बनाने के सभी दावों की पोल खोल दी है। प्रदेश प्रशासन द्वारा केंद्रीय मंत्रियों के दौरे के दौरान सबकुछ सामान्य दिखाने के लिए तैयार किए गए ड्रामे की पोल खुल चुकी है। प्रदेश सरकार लोकतांत्रिक संस्थानों को मजबूत बनाने के जो दावे कर रही है, उन दावों की पोल पंच-सरपंचों के सामूहिक इस्तीफे ने खोल दी है।

रामबन में जम्मू कश्मीर पंचायत कांफ्रेंस के जिला प्रधान मोहम्मद इकबाल कटोच ने बताया कि आज हम लोगों की जिला पंचायत अधिकारी अशोक सिंह से बैठक हुई है। हमारी उनके साथ सभी संबधित मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई है। उन्होंने हमें यकीन दिलाया है कि हमारी सभी तर्कसंगत मांगों को हल किया जाएगा। वह चाहते हैं कि हम अपने इस्तीफेवापस लें। हम लोगों की सोमवार को फिर से बैठक होगी, उसमें हम सभी अपनी अगली रणनीति तय करेंगे। जब तक हमारे मसले हल नहीं होंगे,हम इस्तीफा वापस नहीं लेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.