जिदगी के अंतिम दिनों में दर्द से मिल रही निजात
राज्य ब्यूरो जम्मू कई मरीज ऐसे हैं जो ऐसी बीमारियों से जूझ रहे हैं जिनमें अब स्वस्थ होना असंभव सा है। जिदगी अंतिम दिनों में दर्द से कराह रही है। ऐसे मरीजों की जिदगी को गांधीनगर अस्पताल में खुला पैलेएटिव केयर सेंटर आसान बना रहा है। सेंटर में मरीजों को दर्द से राहत दिलाने का काम हो रहा है।
राज्य ब्यूरो, जम्मू : कई मरीज ऐसे हैं जो ऐसी बीमारियों से जूझ रहे हैं जिनमें अब स्वस्थ होना असंभव सा है। जिदगी अंतिम दिनों में दर्द से कराह रही है। ऐसे मरीजों की जिदगी को गांधीनगर अस्पताल में खुला पैलेएटिव केयर सेंटर आसान बना रहा है। सेंटर में मरीजों को दर्द से राहत दिलाने का काम हो रहा है। केंद्र सरकार ने नेशनल पैलेएटिव केयर प्रोग्राम-2016 के तहत जम्मू के गांधीनगर अस्पताल में इसी साल यह सेंटर खोला था। सेंटर में कुछ महीनों में अस्सी के करीब मरीजों का उपचार किया जा रहा है। जम्मू संभाग के एकलौते सेंटर में कार्यरत चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाल को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में ऑन्को एनेस्थीसिया, पेन एंड पैलेएटिव केयर की एचओडी डॉ. सुषमा भटनागर की देखरेख में विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। और इसे एम्स नई दिल्ली, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और एशियन पैसफिक हासपाइस पैलेएटिव केयर नेटवर्क मोनीटर कर रहा है। कई बीमारियों से पीड़ितों को मिल रहा इलाज
कैंसर, एचआइवी, एड्स, किडनी सहित बहुत सी बीमारियां ऐसी हैं, जिनमें मरीज अस्पतालों में उस समय पहुंचते हैं जब यह अंतिम स्टेज होती हैं। दर्द के कारण जिदगी जीना मुश्किल हो जाता है। ऐसे मरीजों को कई बार दर्द से निजात दिलाने के लिए अफीम की गोलियां तक दी जाती हैं। कोट्स
देश में हर साल लाखों लोग कैंसर जैसे रोग से पीड़ित होते हैं। जब वे अंतिम स्टेज पर पहुंचते हैं तो वे अपनी अंतिम सांस घर में परिजनों के बीच लेना चाहते हैं, लेकिन अभी तक अस्पतालों के आइसीयू में ही दर्द से दम तोड़ देते हैं। सेंटर में ऐसे मरीजों का इलाज होता है। उनकी जिदगी आसान हो जाती है।
डॉ. रोहित लाहौरी, इंचार्ज, पैलेएटिव केयर सेंटर, गांधीनगर अस्पताल सेंटर खुलने के बाद दर्द के साथ जिदगी जी रहे मरीजों को राहत मिली है। आने वाले दिनों में सेंटर को और विकसित किया जाएगा, ताकि मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके। पैलेएटिव केयर डे पर अस्पताल में सेमिनार भी हुआ था जिसमें डाक्टरों व अन्य स्टाफ को भी इसके बारे में जानकारी दी गई।
-डॉ. चंद्र प्रकाश, मेडिकल सुपरिटेंडेंट, गांधीनगर अस्पताल