Jammu Kashmir: नई पीढ़ी को नशे की गर्त में धकेलने की पाकिस्तानी साजिश, 10 माह में 100 किलो हेरोइन पकड़ी
मादक तस्करी के कई मामले अंतरराष्ट्रीय मादक तस्करी से भी जुड़े हैं। जिनका संबंध नारको टेररिज्म से हैं। इसके विपरीत जम्मू पुलिस ने वर्ष 2018 में जम्मू पुलिस ने 350 लोगों को मादक पदार्थ की तस्करी के आरोप में दबोचा था।
जम्मू, दिनेश महाजन: जम्मू-कश्मीर में युवाओं को नशे का आदी बनाने के लिए पड़ोसी देश पाकिस्तान कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा हैं। जम्मू-कश्मीर में दम तोड़ रहे आतंकवाद को जीवित रखने के लिए पाकिस्तान नारको टेररिज्म के जाल बिछा रहा हैं। आतंकियों के साथ जम्मू-कश्मीर में मादक पदार्थों को भेज कर उससे एकत्रित होने वाली धनराशि का प्रयाेग आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किया जा रहा हैं। हालांकि जम्मू-कश्मीर पुलिस का दावा है कि वे पडोसी देश की ओर से चलाए जा रहे परोक्ष युद्ध का मुंह तोड़ जबाव दे रहे हैं। पाकिस्तान से लगते जम्मू के जिला कठुआ, सांबा, जम्मू, राजौरी और पुंछ में सीमापार से नशे की तस्करी को अंजाम दिया जा रहा हैं।
जम्मू जोन के इंस्पेक्टर जनरल आफ पुलिस का कहना है कि जम्मू पुलिस ने मादक तस्करों के विरुद्ध बड़ी अभियान छेड़ा हुआ हैं। जिसमें उन्हें कामयाबी भी मिल रही हैं। इस वर्ष के पहले दस में जम्मू पुलिस ने संभाग के विभिन्न जिलों में कार्रवाई करते हुए करीब 100 किलो हेरोइन, 13000 किलो भुक्की, 450 किलो चरस के अलावा पचास लाख रुपये की नकदी बरामद किया हैं। जम्मू पुलिस ने मादक तस्करी की जुड़े 496 मामले दर्ज कर 1293 लोगों को पकड़ा हैं।
मादक तस्करी के कई मामले अंतरराष्ट्रीय मादक तस्करी से भी जुड़े हैं। जिनका संबंध नारको टेररिज्म से हैं। इसके विपरीत जम्मू पुलिस ने वर्ष 2018 में जम्मू पुलिस ने 350 लोगों को मादक पदार्थ की तस्करी के आरोप में दबोचा था, जबकि वर्ष 2019 में सिर्फ जम्मू जिले में ही 480 नशा तस्करी के मामले दर्ज किए थे।
प्रदेश में 80 फीसदी नशे की खेप पाकिस्तान से आ रही: जम्मू-कश्मीर में युवा पीढी को नष्ट कर रही मादक पदार्थ की खेप पाकिस्तान से इस ओर भेजी जा रही है। पाकिस्तान द्वारा कश्मीर संभाग के उड़ी, कुपवाड़ा के रास्ते खेप पहुंचाई जा रही है। जम्मू संभाग में यह खेप पुंछ, राजौरी और जम्मू जिला से लगते ग्रामिण क्षेत्रों के रास्ते भेजी जा रही है।
ये हैं नशा करने के नुकसान
- नशा करने से मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं।
- शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आती है।
- हार्टअटैक होने का खतरा बढ़ जाते हैं।
- कैंसर जैसी घातक बीमारियों को न्यौता।
- आंखों की रोशनी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
- यौन रोग का खतरा बढ़ जाता हैं।