एलओसी पर आतंकी संगठनों को लगातार मदद कर रहा पाकिस्तान, आतंकियों को गिरफ्तारी से पहले दी जमानत
आर्थिक संकट की मार झेल रहा पाकिस्तान एलओसी पर आतंकी संगठनों को समर्थन देने से बाज नहीं आ रहा है।गुलाम जम्मू कश्मीर के टैट्रिनोट इलाके में 18 मार्च को जम्मू एंड कश्मीर नेशनल स्टूडेंट फेडरेशन और एनएपी की रैली के दौरान तीन आतंकियों की ओर से फायरिंग की गई थी।
मुजफ्फराबाद, एएनआई। आर्थिक संकट की मार झेल रहा पाकिस्तान एलओसी पर आतंकी संगठनों को समर्थन देने से बाज नहीं आ रहा है। गुलाम जम्मू कश्मीर के टैट्रिनोट इलाके में 18 मार्च को जम्मू एंड कश्मीर नेशनल स्टूडेंट फेडरेशन (जेकेएनएसएफ) और नेशनल आवामी पार्टी (एनएपी) की रैली के दौरान तीन आतंकियों की ओर से फायरिंग की गई थी।
इसमें शामिल तीनों आतंकियों को 50-50 हजार पाकिस्तानी रुपये के मुचलके पर गिरफ्तारी पूर्व जमानत दे दी गई थी, जो दर्शाता है कि यह हमला पाकिस्तानी सेना और आइएसआइ की शह पर किया गया था। रैली में खुलेआम गोलीबारी में शामिल आतंकवादियों में से एक वकार साबिर को तालिबान की ओर से अफगानिस्तान में सत्ता में आने के तुरंत बाद अफगान जेल से रिहा कर दिया गया था।
अमेरिका के खिलाफ तथाकथित जिहाद में अफगान तालिबान में शामिल होने से पहले वह जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर के रूप में सक्रिय था। अमेरिका के खिलाफ युद्ध के दौरान उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। वह उन जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादियों में से एक था, जिसे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के आतंकवादियों के साथ अफगान जेलों से रिहा किया गया था।
अफगान जेल से रिहा होने के बाद वकार साबिर 22 अगस्त 2021 को रावलकोट पहुंचा था। उसके वहां पहुंचने पर जैश-ए-मोहम्मद और अन्य आतंकवादी और इस्लामी संगठनों द्वारा उसका भव्य स्वागत किया गया था। हाल ही में उसे एक रैली में टैट्रिनोट लाया गया था।