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पाकिस्तान से रात भर बरसे गोले, दहशत में ग्रामीण

राज्य ब्यूरो जम्मू गोलाबारी से डरे-सहमे लोग घरों में दुबके रहे। वहीं बीएसएफ ने भी पाकिस्तान को कड़ा जवाब दिया। देर रात तक दोनों तरफ से रुक-रुक कर गोलाबारी जारी रही। इससे किसी नुकसान की सूचना नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 07 Dec 2019 09:37 AM (IST)Updated: Sat, 07 Dec 2019 09:37 AM (IST)
पाकिस्तान से रात भर बरसे गोले, दहशत में ग्रामीण

संवाद सहयोगी, हीरानगर : रोजाना की तरह पाकिस्तान ने शुक्रवार रात भी कठुआ जिले के हीरानगर सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गोलाबारी शुरू कर दी। पाकिस्तान ने हीरानगर के रठुआ, पानसर और मनियारी गांव को निशाना बनाया। गोलाबारी से डरे-सहमे लोग घरों में दुबके रहे। वहीं बीएसएफ ने भी पाकिस्तान को कड़ा जवाब दिया। देर रात तक दोनों तरफ से रुक-रुक कर गोलाबारी जारी रही। इससे किसी नुकसान की सूचना नहीं है।

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पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए वीरवार की रात को अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हीरानगर सेक्टर के पानसर रठुआ गांवों में मोर्टार और छोटे हथियारों से गोलाबारी की। पाकिस्तान ने शुक्रवार की सुबह पांच बजे तक रुक-रुककर गोले दागे। पाकिस्तान ने यह गोलाबारी अभियाल डोगरा ,किगरां दे कोठे पोस्टों से से की। बीएसएफ के जवानों ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया।

गोलाबारी के डर से ग्रामीण घरों में बने बंकरों में छिपे रहे। हालांकि, कोई गोला गांव में नहीं गिरा। इससे जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। शुक्रवार की सुबह बीएसएफ, पुलिस, एसओजी के जवानों ने गांव के आसपास संयुक्त तलाशी अभियान भी चलाया। दरअसल, पाकिस्तान आतंकियों की घुसपैठ कराने के लिए गोलाबारी करता है। इसलिए जवानों ने पूरे क्षेत्र को खंगाला है। डर के साये में ग्रामीण

रठुआ निवासी दरबारी लाल, तारा चंद, प्रीतम चंद, बंसी लाल ने कहा कि वह भले ही बंकरों में छिपकर जान बचा लेते हों, लेकिन पूरी रात डर के साये में रहते हैं। धमाकों की आवाज से बच्चे तक सो नहीं पाते। उन्होंने कहा कि हम लोगों की मुश्किलें बढ़ रही हैं। रोजगार है नहीं, कैसे संवरेगा भविष्य

उन्होंने बताया कि गांवों से बीस फीसद लोग अपने बच्चों का भविष्य संवारने के लिए स्थायी रूप में कस्बों में पलायन कर चुके हैं। जो लोग इस समय रहते हैं उनके पास कोई रोजगार नहीं है। जिस जमीन पर वह खेती करते थे उसकी गिरदावरी भी राजस्व विभाग ने खारिज कर दी है। अब केंद्र शासित प्रदेश बनने से सरकार, कस्टोडियन की जमीन का क्या होगा इस बारे में भी कुछ पता नहीं चल रहा है। सरकार को सीमांत लोगों की समस्यायों का समाधान करवाना चाहिए।


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