श्रीनगर,जेएनएन। जम्मू कश्मीर के बारामूूूूला से लश्कर ए तैयबा के दो आतंंकी गिरफ्तार किये गये हैं। ये दोनों आतंकियों ने पाकिस्तान से ट्रेनिंग ली थी। उधर, जम्मू कश्मीर के त्राल के बाटगुंड गांव में आज शनिवार को सीआरपीएफ पर आतंकवादियों ने ग्रेनेड से हमला किया। जिसमे में दो आम नागरिक और दो सीआरपीएफ जवान घायल हो गये हैं। पाकिस्तानी रेंजरों ने शुक्रवार सुबह फिर सांबा सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए पेट्रोलिंग पार्टी पर गोलीबारी की।
इससे पहले वीरवार रात को भी पाकिस्तान ने आतंकियों को भारतीय क्षेत्र में धकेलने के लिए कवर फायर दिया था, लेकिन बीएसएफ ने इस प्रयास को विफल कर दिया था।शुक्रवार सुबह करीब पौने बारह बजे जब सांबा की चलेयाड़ी पोस्ट के पास सीमा सुरक्षा बल के जवान गश्त कर रहे थे तो अचानक पाकिस्तानी रेंजरों ने उन पर गोलीबारी कर दी।
बीएसएफ ने भी जवाबी फायर किए। यह सिलसिला 15 मिनट तक चला। दोपहर 12 बजे के बाद कोई गोली नहीं चली। इस गोलाबारी से सांबा के सीमांत क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में फिर दहशत फैल गई है। गोलाबारी के डर से लोग अपने बच्चों को स्कूलों से घर ले आए।
शोपियां चलो मार्च नाकाम
अलगाववादी संगठनों के साझा मंच ज्वाइंट रेजिस्टेंस लीडरशिप (जेआरएल) की शोपियां चलो कॉल को पुलिस ने बलपूर्वक नाकाम बना दिया। जेआरएल के नेताओं मोहम्मद यासीन मलिक, सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज मौलवी उमर फारूक को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। शोपियां और श्रीनगर के थाना क्षेत्रों में प्रशासनिक पाबंदियां लगाई गई थीं। बनिहाल-बारामुला रेल सेवा भी स्थगित कर दी गई थी। इस बीच, शोपियां और पुलवामा में सुरक्षाबलों व प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें हुई, जिनमें पांच प्रदर्शनकारी घायल हो गए। गौरतलब है कि पिछले दिनों शोपियां में सुरक्षाबलों की फायरिंग में नागरिकों की मौत के विरोध में जेआरएल ने शुक्रवार को शोपियां चलो का आह्वान किया था। जामिया मस्जिद में जुमा की नमाज अदा करने के बाद लोगों से धरना प्रदर्शन का आह्वान किया गया था। अलगाववादियों की कॉल के मद्देनजर प्रशासन ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए शोपियां व पुलवामा के अलावा श्रीनगर के पांच थाना क्षेत्रों नौहट्टा, खानयार, रेनाबाड़ी, सबाकदल व महाराजगंज के इलाकों में प्रशासनिक पाबंदियां लगाई थी। इन इलाकों की ओर जाने वाले रास्तों को कंटीली तारों से बंद कर दिया गया था। बावजूद इसके जेआरएल के नेताओं ने प्रशासनिक पाबंदियां तोड़ शोपियां की तरफ मार्च निकालने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने इसे नाकाम बना दिया। सैयद अली शाह गिलानी व मीरवाइज मौलवी उमर फारूक को पुलिस ने एहतियातन अपने घरों में नजरबंद कर दिया था। दोनों को पुलिस ने शनिवार दोपहर उस समय हिरासत में ले लिया, जब वह पुलिस की घेराबंदी छोड़ शोपियां मार्च का प्रयास कर रहे थे। उधर, नौहट्टा में प्रशासनिक पाबंदियों के चलते जामिया मस्जिद में जुमा की नमाज नहीं पढ़ी जा सकी। जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चेयरमैन मोहम्मद यासीन मलिक जो गिरफ्तारी से बचने के लिए वीरवार को भूमिगत हो गए थे, छुपते हुए शोपियां पहुंच गए। पुलिस ने शुक्रवार दोपहर उन्हें शोपियां की जामिया मस्जिद के बाहर उस समय हिरासत में ले लिया, जब वह मस्जिद से बाहर आ रहे थे। यासीन मलिक की गिरफ्तारी के तुरंत बाद शोपियां और पुलवामा में तनाव फैल गया। अलगाववादी समर्थक मलिक की गिरफ्तारी के विरोध में प्रशासनिक पाबंदियां तोड़ मार्च निकालने की कोशिश करने लगे। हालांकि सुरक्षाबलों ने उनकी कोशिश को नाकाम बनाते हुए आंसू गैस के गोले दागे। प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाबलों पर पथराव शुरू कर दिया। सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच शाम तक हिंसक झड़पें होती रहीं, जिससे शोपियां में तीन और पुलवामा में दो प्रदर्शनकारी घायल हो गए।