जम्मू-कश्मीर के अस्पतालों में सिर्फ 10 प्रतिशत कोरोना संक्रमित मरीज, 90 प्रतिशत करवा रहे हैं घर में ही इलाज
इस समय जम्मू संभाग में कुल 404 सक्रिय मरीज हैं लेकिन अस्पतालों में सिर्फ 14 ही मरीज भर्ती हैं। इनमें चार मरीज डीआरडीओ के भगवती नगर स्थित अस्पताल में भर्ती हैं जबकि राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू में मात्र दो ही मरीज रह गए हैं।
जम्मू, राज्य ब्यूरो । केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में कोविड के मरीज अभी भी हर दिन औसतन सौ से अधिक आ रहे हैं लेकिन अब इलाज के लिए अस्पतालों में 10 फीसद मरीज भी नहीं आ रहे हैं। अधिकांश मरीज अब घरों में ही इलाज करवा रहे हैं। इस कारण जम्मू और कश्मीर दोनों ही जगहों पर अस्पताल कोविड के मरीजों से लगातार खाली हा रहे हैं।
नेशनल हेल्थ मिशन से मिले आंकड़ों के अनुसार, इस समय जम्मू संभाग में कुल 404 सक्रिय मरीज हैं लेकिन अस्पतालों में सिर्फ 14 ही मरीज भर्ती हैं। इनमें चार मरीज डीआरडीओ के भगवती नगर स्थित अस्पताल में भर्ती हैं जबकि राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू में मात्र दो ही मरीज रह गए हैं। इसके अलावा एस्काम में एक, जीएमसी डोडा में दो, सीएचसी भद्रवाह में दो, जीएमसी राजौरी में एक, नारायणा अस्पताल में एक, जिला अस्पताल किश्तवाड़ में एक मरीज भर्ती है। पुंछ, ऊधमपुर, कठुआ जिलों के अस्पतालों में एक भी मरीज भर्ती नहीं है।
इसी तरह कश्मीर संभाग में कुल 683 मरीज हैं। इनमें से 66 ही अस्पतालों में भर्ती हें। अन्य घरों में इलाज करवा रहे हैं। कश्मीर में सबसे अधिक 23 मरीज डीआरडीओ के अस्पताल में भर्ती है। वहीं कश्मीर नर्सिंग होम श्रीनगर में 17, शेर-ए-कश्मीर इंस्टीटयूट आफ मेडिकल सांइसेस सौरा में 11, सीडी अस्पताल श्रीनगर में सात, एसएमएचएस अस्पताल में तीन, जीएमसी बारामुला में चार और जिला अस्पताल बांडीपोरा में एक मरीज भर्ती है। कश्मीर के सात जिला अस्पतालों में अब एक भी मरीज भर्ती नहीं है। अधिकांश मरीज श्रीनगर जिले के प्रमुख अस्पतालों में ही हैं।
जम्मू-कश्मीर में कोविड के मरीजों के लिए बनाए गए 5776 बिस्तरों में से अस्सी पर ही मरीज भर्ती हैं। अन्य सभी बिस्तर इस समय खाली पड़े हुए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार इस समय जो भी लोग संक्रमित हाे रहे हें, उनकी हालत सामान्य है। वे घरों में ही इलाज करवा रहे हैं। पहले दस से बीस फीसद मरीज अस्पतालों में आकर अपना इलाजकरवा रहे थे लेकिन अब मात्र सात से आठ फीसद मरीज ही भर्ती हैं। इनकी हालत सामान्य है। आइसीयू में भी दस ही मरीज भर्ती हैं। उन्होंने बताया कि बावजूद इसके अभी लापरवाही नहीं बरती जा सकती। उपरराज्यपाल ने भी सभी को एसओपी का सख्ती के साथ पालन करने को कहा है।