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Jammu Kashmir Loudspeaker Issue : उमर बोले लाउड स्पीकर मामले में बीच का रास्ता खोजे सरकार

उन्होंने कहा कि दावे किए गए थे कि अनुच्छेद 370 के हटने के बाद सब कुछ ठीक हो जाएगा लेकिन इसका नुकसान ही दिख रहा है। किसी को किसी प्रकार का कोई लाभ हुआ हो पिछले अढाई वर्षो में तो नहीं दिखा है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 20 May 2022 12:54 PM (IST)Updated: Fri, 20 May 2022 12:54 PM (IST)
कश्मीर में बढ़ती टारगेट किलिंग पर अफसोस व्यक्त करते हुए। इसके लिए भी अनुच्छेद-370 हटाए जाने को ही ठहराया है।

जम्मू, जागरण संवाददाता  : नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने लाउड स्पीकर मामले में कहा कि इससे हर समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचेगी।वह हाल में पीर पंचाल के सात दिन के दौरे के बाद जम्मू लाैटें हैं। पुंछ राजौरी में हर समुदाय के लोगों के धार्मिक स्थलों पर लाउड स्पीकर का प्रयोग होता है।

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लाउड स्पीकर पर पाबंदी को लेकर उन्होंने कहा कि इससे हर समुदाय के लोगाें की भावनाएं प्रभावित हुई हैं। सरकार को कोई बीच का रास्ता तय करना चाहिए। हां आवाज कम ज्यादा को लेकर निर्देश जारी किए जा सकते हैं।

शुक्रवार को नेकां पार्टी कार्यालय शेर-ए-कश्मीर भवन में मीडिया कार्यालय खोले जाने के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि परिसीमन आयोग की रिपोर्ट से मात्र एक राजनीतिक दल को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया गया है। इसके अलावा कश्मीर के उनके घटक दलों को भी प्रयास करने का प्रयास किया गया है।

उन्होंने कहा कि दावे किए गए थे कि अनुच्छेद 370 के हटने के बाद सब कुछ ठीक हो जाएगा लेकिन इसका नुकसान ही दिख रहा है। किसी को किसी प्रकार का कोई लाभ हुआ हो पिछले अढाई वर्षो में तो नहीं दिखा है। उन्होंने कश्मीर में बढ़ती टारगेट किलिंग पर अफसोस व्यक्त करते हुए। इसके लिए भी अनुच्छेद 370 हटाए जाने को ही ठहराया है।

जब यह पूछा गया कि क्या टारगेट किलिंग फिल्म द कश्मीर फाइलस के विरोध में हो रही है तो उमर ने कहा कि फिल्म आने से पहले से ही टारगेट किलिंग हो रही है। हां फिल्म माहौल बनाने में कोई रोल अधा नहीं किया है।पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हालात का बहाना कर चुनाव नहीं करवाए जा रहे। अगर हालात खराब हैं तो सरकार कहे कि 1996 से खराब हालात हैं।

यह तरफ तो सालात सामान्य होने के दावे किए जाते हैं और दूसरी तरफ चुनाव का नाम लेते ही खराब हालात का हवाला दिया जाता है। हालात का बहाना नेशनल कांफ्रेंस मानने को तैयार नहीं।उन्होंने कहा कि आयोध्या मंदिर का विवाद सुलझ जाने के बाद कहा गया था कि अब मंदिर मस्जिद की राजनीति नहीं होगी लेकिन अब तो लग रहा है कि नए-नए विवाद खडे किए जा रहे हैं।


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