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उमर अब्दुल्ला ने की अलगाववादियों से गैर अधिकारिक वार्ता की पैरवी

पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राज्य में अलगाववादियों और मुख्यधारा से बाहर के गुटों से गैर अधिकारिक बातचीत की पैरवी कर सियासत गर्मा दी है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 09 Nov 2018 11:23 PM (IST)Updated: Sat, 10 Nov 2018 12:48 AM (IST)
उमर अब्दुल्ला ने की अलगाववादियों से गैर अधिकारिक वार्ता की पैरवी

 जम्मू, राज्य ब्यूरो। नेशनल कॉन्फ्रेंस के उप-प्रधान और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राज्य में अलगाववादियों और मुख्यधारा से बाहर के गुटों से गैर अधिकारिक बातचीत की पैरवी कर सियासत गर्मा दी है।

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उमर ने ट्विटर पर केंद्र सरकार के तालिबान से गैर अधिकारिक बातचीत में हिस्सा लेने का हवाला देते हुए लिखा है कि मोदी सरकार जम्मू कश्मीर के मामले में ऐसा क्यों नहीं कर रही है। इसी तरह से जम्मू कश्मीर में मुख्यधारा से बाहर के गुटों से गैर अधिकारिक बातचीत क्यों नहीं की जा रही है।

 देश से जम्मू कश्मीर का विलय संपूर्ण : रैना
उमर के इस बयान को लेकर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा है कि उमर जिन्हें मुख्यधारा से बाहर के गुट कह रहे हैं कि वे अलगाववादी, लश्कर और हिज्बुल जैसे आतंकी संगठन हैं। यह लोग पाकिस्तान से पैसे, बम, गोलियां लेते हैं।

आम लोगों के इन कातिलों से कोई बातचीत नहीं होगी। उनसे गोली का बदला गोली से और खून का बदला खून से लिया जाएगा। उमर को घेरते हुए उन्होंने कहा कि उनका यह बयान विलय पर प्रश्नचिह्न लगाता है। देश में जम्मू कश्मीर का विलय संपूर्ण है।

गंभीर कार्रवाई की जरूरत 
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैफुद्दीन सोज का कहना है कि केंद्र सरकार वहां पर एक ही लाठी से सबको हांक रहा है। कश्मीर में हालात की बेहतरी के लिए गंभीरता से कार्रवाई करने की जरूरत है।


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