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चाणक्य के मंचन के साथ जम्मू में शुरू हुआ थियेटर ओलंपिक्स

जागरण संवाददाता, जम्मू : देश में जारी आठवें थियेटर ओलंपिक्स के तहत अभिनेता, निर्देशक मना

By Edited By: Published: Fri, 23 Mar 2018 03:00 AM (IST)Updated: Fri, 23 Mar 2018 03:51 PM (IST)
चाणक्य  के मंचन के साथ जम्मू में शुरू हुआ थियेटर ओलंपिक्स
चाणक्य के मंचन के साथ जम्मू में शुरू हुआ थियेटर ओलंपिक्स
जागरण संवाददाता, जम्मू : देश में जारी आठवें थियेटर ओलंपिक्स के तहत अभिनेता, निर्देशक मनोज जोशी कृत नाटक 'चाणक्य' के मंचन के साथ जम्मू में 11 दिवसीय नाट्य समारोह शुरू हुआ। अभिनव थियेटर में मंचित इस नाटक के माध्यम से दर्शाया गया कि कैसे खंड-खंड राज्यों में बंटे राष्ट्र को आचार्य चाणक्य ने अपने संकल्प के अनुसार एकत्र किया। किस प्रकार एक सामान्य कुल में जन्म लेने वाले चंद्रगुप्त को इस राष्ट्र का सम्राट बनाया। नाटक हमारे राष्ट्र का गौरवशाली इतिहास दर्शाते हुए आगे बढ़ता है। दो घंटे 40 मिनट के मंचन को देखने के लिए हाल खचाखच भरा हुआ था। उद्घाटन समारोह में अधिक समय लग जाने के कारण बहुत से दर्शकों को नाटक बीच में ही छोड़ कर जाना पड़ा। हालांकि अधिकतर दर्शक नाटक को मन मस्तिष्क में कैद करके ऐसे निकले कि इसकी समृति जीवन भर उनके हृदय में बनी रहे। नाटक के माध्यम से राष्ट्र के गौरवशाली इतिहास को शानदार तरीके से दर्शकों तक पहुंचाया। नाटक में चाणक्य की भूमिका निभाने वाले अभिनेता मनोज जोशी के साथ-साथ दूसरे सभी कलाकारों ने भी अपनी प्रतिभा का कायल किया। सेट डिजाइनिंग ने चाणक्य के काल का अहसास करवाया। नाटक में चंद्रगुप्त मौर्य की भूमिका धर्मेद्र गोहिल ने निभाई। अशोक बंथिया, संजय भाटिया, कविता राथोड, शकील खान, प्रिया दीक्षित, प्रदीप वेगुरलेकर, सुनील शिंदे, निलेश त्रिवेदी, कर्ण पमनानी, रफीक खान ने अपनी भूमिकाओं से नाटक को यादगार बताया। मनोज जोशी को इस नाटकका मंचन करते 25 वर्ष हो गए हैं। जम्मू में इस नाटक का मंचन पहली बार हुआ है। जिन लोगों ने पहले भी नाटक देखा हुआ है, उनके अनुसार हर बार नाटक नया प्रभाव छोड़ता है। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की ओर से जम्मू-कश्मीर कला संस्कृति एवं भाषा अकादमी के सहयोग से आयोजित इस 11 दिवसीय नाट्य समारोह का उद्घाटन पीडब्ल्यूडी मंत्री नईम अख्तर, विख्यात रंगकर्मी एमके रैणा, एनएसडी फैक्लटी मेंबर अब्दुल लतीफ खटाना ने दीप प्रज्जवलित कर किया। इस मौके पर नईम अख्तर ने कहा कि कहा कि जिस तरह से जंग से तंग आकर लोग सूफी संत बन जाते हैं, उसी तरह मोबाइल इंटरनेट और दूसरे मनोरंजन के साधनों से लोग फिर से रंगमंच की जमीनी पकड़ को समझेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में रंगमंच संस्कृति का हिस्सा रहा है। उनकी सरकार ने राज्य में कई नए आडिटोरियम बनाए हैं। गेस्ट आफ आनर धरती पुत्र एमके रैणा ने कहा कि रंगकर्मियों को भी सुविधाओं की जरूरत होती है, यह समझने की जरूरत है। इन रंगकर्मियों को अगर रिहर्सल के लिए भी अच्छी जगह मिल जाए तो राज्य का रंगमंच शिखर पर पहुंचने की क्षमता रखता है। थियेटर ओलम्पिक्स के आयोजन को इस दिशा में बेहतरीन प्रयास बताया। स्वागत भाषण में अब्दुल लतीफ खटाना ने इस आयोजन के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। धन्यवाद प्रस्ताव अकादमी के सचिव डॉ. अजीज हाजिनी ने पारित किया। उन्होंने बताया कि नादिरा बबर जम्मू के मंचन करने के बाद विश्व रंगमंच दिवस पर कश्मीर में भी नाटक करने के लिए मान गई हैं।

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