अब तुरंत सीखें मशरूम की खेती का तरीका और बनें आत्मनिर्भर, कंपोस्ट बनाने से मिली मुक्ति
अब आप एक ही दिन में मशरूम की खेती का तरीका सीख सकते हैं। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए कृषि विभाग का मशरूम विकास विंग अब सप्ताह में दो दिन प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रहा है। हर मंगलवार और शुक्रवार को प्रशिक्षण दिया जाता है।
जम्मू, जागरण संवाददाता : मशरूम की लगातार बढ़ रही मांग ने युवाओं को इस खेती की ओर आकर्षित किया है। पहले इस खेती के लिए 28 दिन की जटिल प्रक्रिया से गुजरकर कंपोस्ट बनाना पड़ता था, लेकिन अब मशीन से बना हुआ कंपोस्ट उपलब्ध है। इससे मशरूम की खेती और आसान हो गई है। बस आपको तकनीकी जानकारी पूरी होनी चाहिए। कृषि विभाग पहले 28 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाता था, जिसमें किसान को चार दिन जम्मू में प्रशिक्षण लेना होता था और बाकी के दिनों में उसे अपने ही क्षेत्र में रहकर कंपोस्ट तैयार करने की विधि से गुजरना होता था।
बदलते समय में अब प्रशिक्षण भी बदल गया है। अब आप एक ही दिन में मशरूम की खेती का तरीका सीख सकते हैं। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए कृषि विभाग का मशरूम विकास विंग अब सप्ताह में दो दिन प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रहा है। हर मंगलवार और शुक्रवार को प्रशिक्षण दिया जाता है। सुबह से शाम तक चलने वाले इस कार्यक्रम में प्रशिक्षणार्थी को इस खेती के बारे में सब कुछ सिखा दिया जाता है। अब वह खेती करने के लिए तैयार है। अगर कुुछ कमी पेशी रह जाए तो उसे अगले तय दिन पर फिर से भी बुलाया जा सकता है।
कहने का मतलब यह कि अब मशरूम की खेती करने का तरीका सीखने के लिए आपको लंबा समय गुजारने की जरूरत नहीं है। आप मन बनाएं और कृषि विभाग के मशरूम विकास विंग में फोन कर अपना नाम दर्ज कराएं। आने वाले मंगलवार या शुक्रवार को आपको प्रशिक्षण के लिए बुला लिया जाएगा। मशरूम विकास अधिकारी संजय धर ने कहा कि सप्ताह में दो दिन प्रशिक्षण कार्यक्रम हो रहा है। सप्ताह भर में 15 के करीब युवा मशरूम की खेती में प्रशिक्षण पाकर अपनी खेती भी शुरू कर रह हैं। इन दिनों जम्मू में बटन मशरूम की खेती शुरू हो गई है और किसानों की नजर इस खेती पर है।