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Jammu Kashmir: महबूबा मुफ्ती को प्रवर्तन निदेशालय का नोटिस, 15 को पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाया गया

पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए 15 मार्च को दिल्ली मुख्यालय में बुलाया है। हालांकि प्रवर्तन निदेशालय ने मामले की पूरी जानकारी नहीं दी है कि किस सिलसिले में पूछताछ की जाएगी

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Fri, 05 Mar 2021 08:46 PM (IST)Updated: Fri, 05 Mar 2021 08:52 PM (IST)
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को नोटिस जारी किया

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए 15 मार्च को दिल्ली मुख्यालय में बुलाया है। हालांकि प्रवर्तन निदेशालय ने मामले की पूरी जानकारी नहीं दी है कि किस सिलसिले में पूछताछ की जाएगी, लेकिन सूत्रों के मुताबिक उनसे यह पूछताछ प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पहले से दर्ज केस संख्या सीआईआर/16 एचआइवी/2020 के सिलसिल में होगी। महबूबा ने करीब 64 दिन पहले ही प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक को एक पत्र लिखकर कहा था कि उनके करीबियों पर राजनीतिक दुराग्रह के कारण कार्रवाई हो रही है। 

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पांच अगस्त, 2019 को प्रदेश सरकार द्वारा एहतियातन हिरासत में लिए जाने के करीब 14 माह बाद बीते साल अक्तूबर में ही उन्हें रिहाई मिली थी। अपनी रिहाई के बाद से वह केंद्र सरकार पर लगातार हमलावर रही हैं। उन्हें प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पूछताछ के लिए तलब किए जाने का आभास पहले ही हो चुका था। उन्होंने 31 दिसंबर, 2020 के प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक को एक पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार प्रवर्तन निदेशालय का इस्तेमाल उन्हें व उनके संबंधियो को प्रताड़ित करने के लिए कर रही है। उन्होंने इसमें लिखा था कि जिन लोगों को हवाला और मॅनी लांड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए तलब किया जा रहा है, वह किसी न किसी तरीके से मेरे साथ जुड़े हैं। इन लोगों से जो भी पूछताछ हुई है, वह सिर्फ मुझ पर, मेरे निजी मामलों, मेरे राजनीतिक और वित्तीय मामलों, मेरे स्वर्गीय पिता के मकबरे, मेरी बहन की वित्तीय स्थिति, मेरे घर के निर्माण, मेरे भाई की वित्तीय स्थिति पर ही केंद्रित रही है।

महबूबा मुफ्ती ने आतंकी कनेक्शन के चलते पुलिस द्वारा गिरफ्तार पीडीपी की युवा इकाई के अध्यक्ष वहीद उर रहमान पारा का भी इस पत्र में जिक्र पत्र में किया था। उन्होंने दावा किया था कि उन्हें भी सिर्फ एक फर्जी मामले में फंसाया गया है। उन्होंने लिखा था कि केंद्र में सत्तासीन दल द्वारा अपने विरोधियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय का इस्तेमाल कोई छिपी हुई बात नहीं है। इस देश का एक जिम्मेदार नागरिक व राजनीतिज्ञ होने, एक पूर्व मुख्यमंत्री और एक पूर्व सांसद होने के नाते मैं किसी भी जांच एजेंसी का सामना करने क लिए तैयार हूं। बशर्ते यह पूछताछ पूरी तरह वैध और नियमानुसार हो।

उन्हाेंने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा तलब किए गए लाेगों का का फोन व अन्य कई डिजिटल और इलेक्ट्रानिक उपकरण जब्त किए जाने पर भी कड़ा एतराज जताया था। उनहोंने धनशोधन अधिनियम, 2002 की धारा 21 की उपधारा दो का उल्लेख करते हुए प्रवर्तन निदेशालय को निजता, लोकतांत्रिक राजनीति के संवैधानिक अधिकारों का भी याद दिलाया था। उन्होंने कहा कि था कि अगर मुझसे पूछताछ का विचार है या मेरे फोन या किसी अन्य उपकरण की जांच करना चाहता चाहते हैं या मेरे परिजनों से पूछताछ करनी है तो आप मेरी या मेरे किसी प्रतिनिधि की मौजूदगी में किसी निष्पक्ष व न्यायिक प्राधिकारी की निगरानी में ही ऐसा कर सकते हैं। अगर संबंधित कानून की किसी तरह की अवज्ञा होती है तो मैं बिना किस हिचकिचाहट के इस मामले पर न्यायिक और राजनीतिक रास्ता अपना सकती हूं।


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