Move to Jagran APP

श्रीनगर में हिरासत में रखे नेताओं को कोई वीआइपी सुविधा नहीं, शाह फैसल अवैध हिरासत में नहीं

अनुच्छेद 370 हटने के बाद श्रीनगर में हिरासत में रखे गए 40 पूर्व मंत्रियों राजनीतिक पार्टियों के नेताओं से कोई वीआइपी सुविधा नहीं दी जा रही है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 28 Aug 2019 09:11 AM (IST)Updated: Wed, 28 Aug 2019 02:38 PM (IST)
श्रीनगर में हिरासत में रखे नेताओं को कोई वीआइपी सुविधा नहीं, शाह फैसल अवैध हिरासत में नहीं
श्रीनगर में हिरासत में रखे नेताओं को कोई वीआइपी सुविधा नहीं, शाह फैसल अवैध हिरासत में नहीं

जम्मू, राज्य ब्यूरो। अनुच्छेद 370 हटने के बाद श्रीनगर में हिरासत में रखे गए 40 पूर्व मंत्रियों, राजनीतिक पार्टियों के नेताओं को कोई वीआइपी सुविधा नहीं दी जा रही है। श्रीनगर में डल झील के किनारे शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में रखे गए इन नेताओं को सामान्य सुविधाएं ही दी जा रही हैं।

loksabha election banner

जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के फैसले के फौरन बाद कश्मीर में मुख्यधारा वाली राजनीतिक पार्टियों में से नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता अली मोहम्मद सागर, अब्दुल रहीम राथर, मुबारक गुल, अल्ताफ कल्लू, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के नईम अख्तर, अब्दुल रहमान वीरी, सरताज मदनी, पीरजादा मंसूर, खुर्शीद आलम, फारूक इंद्राबी, पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद लोन, इमरान अंसारी, शेख इमरान, जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के हिलाल राथर, शाह फैसल को हिरासत में ले लिया गया था।

सूत्रों के अनुसार इन नेताओं को शाकाहारी भोजन ही दिया जा रहा है। ये सभी मैस में एक-साथ खाना खाते हैं। अगर वे अपनी मर्जी का कुछ खाना चाहते हैं तो इसके लिए उन्हें पैसे देने पड़ते हैं। सख्ती से हिदायत है कि इन नेताओं को आम भोजन ही दिया जाए। इसके साथ उनके मनोरंजन के लिए भी कोई साधन नहीं है। ये लोग कांप्लेक्स के लॉन में सैर करने के साथ वहां नमाज भी अदा करते हैं। वहां तैनात एक सुरक्षा कर्मी के अनुसार परिवारजनों को नेताओं से मिलने की इजाजत दी जाती है लेकिन यह सुनिश्चित किया जाता है कि उनसे मिलने के लिए वहां पर भीड़ न लगाएं। किसी को भी फोन की सुविधा नहीं दी गई है।

पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद फारूक अब्दुल्ला उच्च सुरक्षा वाले गुपकार रोड स्थित आवास पर नजरबंद हैं। इस समय बीमार चल रहे माकपा के नेता मोहम्मद यूसुफ तारीगामी को भी गुपकार रोड स्थित उनके निवास पर नजरबंद किया गया है।

वहीं, उमर अब्दुल्ला को हरि निवास गेस्ट हाउस व चश्मा शाही में पर्यटन विभाग की हट में हिरासत में रखा गया है। सूत्रों के अनुसार दोनों को दो दिन पहले इस शर्त पर मोबाइल फोन दिए गए हैं कि वे इनका इस्तेमाल कानून एवं व्यवस्था संबंध मसला पैदा करने के लिए नहीं करेंगे।

सूत्रों के अनुसार इससे भी इन्कार किया जा रहा है कि हिरासत में रखे गए पूर्व मुख्यमंत्रियों से प्रदेश व केंद्र सरकार के सरकारी अधिकारियों की ओर से कोई बातचीत की जा रही है। उनकी हिरासत खत्म करने पर भी अभी कोई फैसला नहीं हुआ है।

शाह फैसल को अवैध हिरासत में नहीं रखा गया

जानकारी हो कि राज्य सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया है कि नौकरशाह से राजनीतिज्ञ बने शाह फैसल को अवैध हिरासत में नहीं रखा गया है। अनुच्छेद 370 हटने के बाद शाह फैसल को दिल्ली के आइजीआइ हवाई अड्डे से हिरासत में लिया गया था। वह विदेश जाने की फिराक में थे।

राज्य सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय में कहा कि यह मानने वाली बात नहीं है कि शाह फैसल इस समय अमेरिका में अकादमिक कोर्स करने जा रहे थे। शाह फैसल ने जब शांत रहने के लिए बांड भरने से इन्कार कर दिया तो बड़गाम के जिला मजिस्ट्रेट की ओर से पारित आदेश और नियमों के तहत उनको नजरबंद किया गया। शाह फैसल सिविल सर्विस से इस्तीफा देकर राजनीति में शामिल हुए और जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट बनाई। राज्य सरकार ने न्यायालय में शपथ पत्र दाखिल करते हुए यह बात कही।

सरकार ने कहा कि यह बात मानने वाली नहीं है कि एक राजनीतिक संगठन का नेता जो काफी मुखर है, मौजूदा हालात में बिना किसी तथ्यों वाले दस्तावेजों के लिए अमेरिका के हावर्ड विश्वविद्यालय में बिना छात्र वीजा के अकादमिक कोर्स करने के लिए जा रहा था। राज्य सरकार ने मध्य कश्मीर के डिप्टी इंस्पेक्टर ऑफ जनरल (डीआइजी) के जरिये दिल्ली उच्च न्यायालय में अपना पक्ष रखा। शाह फैसल ने न्यायालय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर कहा था कि उन्हें 14 अगस्त को दिल्ली के आइजीआइ हवाई अड्डे से हिरासत में लेकर श्रीनगर ले जाया गया और वहां नजरबंद कर दिया गया।

 ये भी पढ़ें : कश्मीर के आम लोगों में जेहन में सवाल... अब आगे क्या होगा- इसका जवाब किसी के पास नहीं है

 जम्मू-कश्मीर से जुड़ी बाकी खबरों के लिए यहां क्लिक करें 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.