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जम्मू-कश्मीर में अब कोई सड़क कच्ची नहीं रहेगी, तारकोल बिछाने के लिए 200 करोड़ जारी

प्राथमिकता वाली सड़कों पर तारकोल बिछाने के लिए उपराज्यपाल ने लोक कार्य विभाग को पहली किश्त के तौर पर 200 करोड़ रुपये की राशि आबंटित करने का भी एलान कर दिया है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 24 Jul 2020 09:34 AM (IST)Updated: Fri, 24 Jul 2020 07:08 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर में अब कोई सड़क कच्ची नहीं रहेगी, तारकोल बिछाने के लिए 200 करोड़ जारी

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में अब कोई भी सड़क कच्ची नहीं रहेंगी। हर सड़क पर तारकोल (मैक्डम) बिछेगा। उपराज्यपाल जीसी मुर्मू ने प्रदेश प्रशासनिक परिषद (एसएसी) की बैठक में प्रदेश में शत प्रतिशत सड़कों पर तारकोल बिछाने के लिए एक अभियान चलाने को मंजूरी दी। इन सड़कों में 11 हजार किलोमीटर लंबी मौसमी सड़कें भी शामिल हैं।

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प्राथमिकता वाली सड़कों पर तारकोल बिछाने के लिए उपराज्यपाल ने लोक कार्य विभाग को पहली किश्त के तौर पर 200 करोड़ रुपये की राशि आबंटित करने का भी एलान कर दिया है। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि उपराज्यपाल ने प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले लोगों के साथ सीधा संवाद और संपर्क बनाने के लिए जनपहुंच कार्यक्रम चला रखा है। इसके तहत वह विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं। इन दौरों के समय मिलने वाले विभिन्न जन प्रतिनिधिमंडलों ने सड़कों की खराब दशा का जिक्र करते हुए उनके सुधार की मांग की। उपराज्यपाल ने इस विषय में अपने सलाहकारों व मुख्यसचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम के साथ विस्तार से चर्चा की और पूरे प्रदेश में सड़कों पर तारकोल बिछाने के अभियान का फैसला लिया। प्रदेश की शत प्रतिशत सड़कों पर मैक्डम बिछाया जाएगा।

कार्ययोजना और वित्तीय योजना तैयार करने के लिए समिति गठित : उपराज्यपाल और उनके सलाहकारों ने वित्त विभाग के वित्तायुक्त की अध्यक्षता में एक समिति भी गठित की है। इसमें लोक कार्य एवं भवन निर्माण विभाग के प्रधान सचिव, योजना सचिव, ग्रामीण विकास सचिव को भी शामिल किया गयाा है। यह चार सदस्यीय समिति जम्मू कश्मीर में शत प्रतिशत सड़कों पर समयबद्ध तरीके से तारकोल बिछाने की कार्ययोजना का एक रोडमैप और वित्तीय योजना तैयार करेगी। समिति को 10 अगस्त 2020 तक अपनी रिपोर्ट जमा कराने के लिए कहा गया है।

जिला स्तर पर भी एक समिति तय करेगी सड़कों की प्राथमिकता : बैठक में लिए गए फैसले के मुताबिक, जिला स्तर पर भी जिला उपायुक्त की अध्यक्षता में एक समिति होगी। इस समिति में पीडब्ल्यूडी विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर और एसीडी सदस्य होंगे। यह समिति जिला स्तर पर तारकोल बिछाए जाने वाली सड़कों की प्राथमिकता तय करेगी। किसी भी सड़क की प्राथमिकता तय करने से पहले यह देखा जाएगा कि उस सड़क पर अंतिम बार तारकोल कब बिछाया गया था, क्या यह सड़क उन सड़कों में शामिल है, जिनकी दशा सुधारने के लिए प्रतिनिधिमंडलों ने उपराज्यपाल को आग्रह किया है। इसके अलावा सड़क की मौजूदा स्थिति को भी ध्यान में रखा जाएगा।  


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