बन टोल प्लाजा में एंबुलेंस के लिए फ्री लेन नहीं
दिनेश महाजन जम्मू कोरोना काल में देश भर में स्वास्थ्य सुविधाओं को पुख्ता बनाने के लिए जो दिश
दिनेश महाजन, जम्मू
कोरोना काल में देश भर में स्वास्थ्य सुविधाओं को पुख्ता बनाने के लिए जो दिशा निर्देश स्टैंडिग ऑपरेटिग प्रोसीजर (एसओपी) तय हैं, उनका जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बने बन टोल प्लाजा में पालन नहीं हो रहा। केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि हर टोल प्लाजा में एंबुलेंस के गुजरने के लिए विशेष लेन तैयार की जाएगी, जिससे मरीज को उपचार के लिए ले जाने में कोई दिक्कत न हो। नगरोटा के बने बन टोल प्लाजा में एंबुलेंस के लिए फ्री लेन नहीं है। ट्रैफिक पुलिस जम्मू ने पत्र लिख कर टोल प्लाजा प्रबंधन को तुरंत एंबुलेंस के गुजरने के लिए फ्री लेन बनाने को कहा है।
एसएसपी ट्रैफिक शिव कुमार शर्मा ने बताया कि उन्होंने जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बने बन टोल प्लाजा में यातायात को सुचारु बनाने के लिए दौरा किया। इस दौरान उन्होंने पाया कि टोल प्लाजा में यात्रियों के लिए पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं। अति व्यस्त जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की संख्या के हिसाब से टोल काटने के लिए बूथ नहीं बने हुए हैं, जिससे वहां वाहनों का जाम लगा रहा हैं। इतनी ही नहीं, टोल प्लाजा में शौचालय की भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं हैं। विशेषकर महिला यात्रियों के लिए शौचालय की सुविधा नहीं हैं। ट्रैफिक पुलिस ने टोल प्लाजा प्रबंधन को तुरंत अतिरिक्त शौचालय बनाने को कहा गया है। अक्सर जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने से ट्रैफिक पुलिस घाटी जाने वाले वाहनों को नगरोटा में ही रोक लेती हैं। ऐसे में वाहन चालकों की सुविधा को देखते हुए टोल प्लाजा में सुविधाओं का विस्तार करने को कहा गया हैं। ट्रैफिक पुलिस ने पाया है कि नगरोटा के कुछ होटल व रेस्टोरेंट मालिकों ने रोड डिवाइडर को जेसीबी मशीन की मदद से अवैध तरीके से हटा कर मार्ग बना लिए गए हैं, जो सड़क हादसों को सबब बन रहे हैं। ट्रैफिक पुलिस ने नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया को पत्र लिख कर ऐसे होटल मालिकों पर कार्रवाई करने और रोड डिवाइडर को वापस लगने के लिए कहा है।
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जम्मू का सबसे महंगा टोल प्लाजा
करीब तीन सौ किलोमीटर लंबे जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बने टोल प्लाजा में से बन टोल प्लाजा पर यात्रियों को सबसे अधिक टोल चुकाना पड़ता है। प्रति फेरे में छोटे चार पहिया वाहन को 140 रुपये चुकाने पड़ते हैं। मिनी बस के लिए 220 रुपये प्रति फेरा। बस और ट्रक के लिए 450 रुपये प्रति फेरा। सबसे अधिक सात टायर वाले ट्राले को 860 रुपये प्रति फेरा टोल टैक्स देना पड़ता है।