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Jammu Kashmir : जम्मू कश्मीर में एक हजार स्कूलों में एटीएल स्थापित करने का एलान

पूरे भारत में अन्य सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की तुलना मेंं डिजिटल और गो ग्रीन की व्यवस्था को पूरी तरह अपनाने में जम्मू कश्मीर ही सबसे ज्यादा समर्थ है। जम्मू कश्मीर इसके लिए एक ब्रांड वैल्यू भी तैयार कर सकता है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 15 Oct 2021 10:30 AM (IST)Updated: Fri, 15 Oct 2021 10:30 AM (IST)
हमें जमीनी स्तर पर सकारात्मक बदलाव लाना है तो सुशासन उसकी कुंजी है।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने प्रदेश में एक हजार स्कूलों में अटल नवप्रवर्तन मिशन (एआईएम) के अंतर्गत अटल टिंकरिंग लैब्स (एटीएल) स्थापित करने का एलान करते हुए कहा कि जम्मू और कश्मीर प्रांत में 500-500 स्कूलों को जल्द चिन्हित किया जाए। उन्होंने बताया कि देश भर के शिक्षण संस्थानों व अन्य संस्थानों में नवाचार और उद्यमशीलता की संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए ही एआईएम को शुरु किया गया है। इसके तहत स्थापित की जाने वाले एटीएल स्कूलों में छात्रों के बीच रचनात्मकता, नवाचार और खोज करने की भावना को विकसित करेंगी।

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उन्होंने कहा कि अगर हमें जमीनी स्तर पर सकारात्मक बदलाव लाना है तो सुशासन उसकी कुंजी है। मौजूदा दौर में हम सूचना प्रौद्योगिकी व तकनीक के इस्तेमाल से प्रशासनिक गतिविधियों में पारदर्शिता लाते हुए सुशासन को सुनिश्चित बना सकते हैं। जिया टैग, रियल टाइम डाटा को प्राप्त करने में सूचना प्रौद्योगिकी अहम है। यह विभिन्न स्तरो पर विभिन्न क्षेत्रों में जारी योजनाओं की निगरानी और उनकी प्रगति के आकलन में सहायक है।

अमिताभ कांत ने कहा कि डिजिटल और गो ग्रीन की व्यवस्था को पूरी तरह अपनाने वाले राष्ट्र और राज्य ही भविष्य में आर्थिक-सामाजिक रुप से खुशहाल व मजबूत होंगे। पूरे भारत में अन्य सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की तुलना मेंं डिजिटल और गो ग्रीन की व्यवस्था को पूरी तरह अपनाने में जम्मू कश्मीर ही सबसे ज्यादा समर्थ है। जम्मू कश्मीर इसके लिए एक ब्रांड वैल्यू भी तैयार कर सकता है। आज यहां प्रशासनिक सचिवों के साथ एक बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर डिजिटल और गो ग्रीन के लक्ष्य को तेजी से प्राप्त करे,इसके लिए एक स्पष्ट और प्रभाकारी कार्ययोजना जरुरी है।

केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रदेश के चार दिवसीय दौरे पर आज यहां ग्रीष्मकालीन राजधानी पहुंचे नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने प्रदेश प्रशासन के विभिन्न विभागीय प्रशासनिक सचिवों के साथ जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव डा अरुण कुमार मेहता की मौजूदगी में एक बैठक की।

बैठक में उन्होंने निगरानी और आकलन की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए अमिताभ कांत ने कहा कि भारत सरकार के स्तर पर इसका लक्ष्य परिणामदायक भावना के साथ काम करने की भावना विकसित करना ही है। प्रत्येक क्षेत्र में किसी भी गतिविधि का अपना एक परिणाम और असर होता है जिस पर विशेष ध्यान देने की जरुरत होती है। नीति आयेाग में निगरानी व आकलन समिति केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रदेश में विभिन्न विभागों को उनकी गतिविधियों के परिणाम ठीक करने, लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगी।

पर्यटन क्षेत्र का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा दीर्घकालिक विकास और वृद्धि के लिए पूरी पारदर्शिता और स्पर्धात्मक भावना के साथ निजी क्षेत्र की भागीदारी जरुरी है। आकांक्षी ब्लाक और सतत विकास के लक्ष्य का जिक्र करते हुए नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कहा कि इन दोनों क्षेत्रों में आगे बढ़ने के लिए नीति आयोग का जम्मू कश्मीर सरकार के साथ द्विपक्षीय संबंध रहेगा। रोजगार सृजन का जक्र करते हुए न्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र की इसमें एक बड़ी भूमिका है। इसलिए जम्मू कश्मीर प्रदेश प्रशासन को काराेबारी गतिविधियों को सुगम बनाने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इससे निजी निवेशक जम्मू कश्मीर में निवेश के लिए प्रोत्साहित होंगेञ नीति आयोग भी इस संदर्भ में जम्मू कश्मीर प्रदेश प्रशासन की पूरी मदद करेगा।


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