Yasin Malik Terror Funding Case: स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना की पत्नी निर्मल खन्ना बोली- खून की सजा खून और मौत की सजा मौत
Yasin Malik Terror Funding Case ऐसे में स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना की धर्मपत्नी निर्मल खन्ना को भी अब न्यायपालिका से पूरी उम्मीद है कि जल्द ही उनके पति का हत्यारा यासीन मलिक पर लगाए गए सभी आरोप सही साबित होंगे और उन्हें इंसाफ मिलेगा।
जम्मू, जेएनएन। कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को टेरर फंडिंग मामले में एनआइए कोर्ट द्वारा दोषी करार दिया गया है। यह वहीं यासीन मलिक हैं जिन पर 30 वर्ष पहले पांच एयरफोर्स अधिकारियों की हत्या करने का मामला भी चल रहा है। यासीन मलिक जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के मुखिया रह चुके हैं। टाडा कोर्ट जम्मू ने यासीन मलिक समेत सात अन्य पर टाडा कानू व आर्म्स एक्ट के तहत आरोप तय किए हैं।
ऐसे में स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना की धर्मपत्नी निर्मल खन्ना को भी अब न्यायपालिका से पूरी उम्मीद है कि जल्द ही उनके पति का हत्यारा यासीन मलिक पर लगाए गए सभी आरोप सही साबित होंगे और उन्हें इंसाफ मिलेगा। निर्मला खन्ना ने यासीन मलिक के बारे में कहा कि उसने तो बड़ी सफाई से हाथ धोकर सोचा था कि मैं बच गया इतने बड़ा गुनाह करके अभी तक। कभी पीएम हाथ से मिला रहा है। कोई डाक्टर कौल हैं जो दिल्ली में, उन्होंने यासीन मलिक को अपने घर पर बुलाकर शादी की दावतें दी, मुबारकबाद दी। कैसे कलेजे हैं इन लोगों के। मेरे घर का बच्चा अगर खराब निकले तो यह मदर इंडिया ऐसे बच्चे के सीने में खुद गोली आर-पार कर देती है। मैं उसी की बेटी हूं। मैं सच कह रही हूं आपको।
अहिल्याबाई होल्कर आपको पता नहीं। उसके बेटे ने गाय के बच्चे को मारा था। वो अपने बेटे को मारने चली गई थी। वो गाय आगे आ गई थी। यह वो देश है। हर कोई अपने बच्चे को राह पर चलाए। जिंदगी की कामना करे अच्छे अंजाम की काम करें। बाकी स्कवार्डन लीडर खन्ना का खून उसे फालो कर रहा है। यह बचेगा नहीं उस केस में भी। जो सही सजा एक खून की सजा खून और मौत की सजा मौत, मैं इसका इंतजार कर रही हूं।
यहां यह बता दें कि टेरर फंडिंग के अलावा जेकेएलएफ के मुखिया यासीन मलिक पर 30 साल पहले किए गए पांच एयरफोर्स अधिकारियों की हत्या का मामला भी चल रहा है। टाडा कोर्ट जम्मू ने यासीन मलिक समेत सात अन्य पर टाडा कानून व आर्म्स एक्ट के तहत आरोप तय कर दिए हैं। कोर्ट ने मामले में यासीन के अलावा अली मुहम्मद मीर, मंजूर अहमद सोफी उर्फ मुश्तफा, जावेद अहमद मीर उर्फ नालका, नाना जी उर्फ सलीम, जावेद अहमद जरगर व शौकत अहमद बख्शी पर आरोप तय किए हैं। आपको बता दें कि 25 जनवरी 1990 की सुबह साढ़े सात बजे रावलपोरा में एयरफोर्स अधिकारी गाड़ी के इंतजार में सनत नगर क्रॉसिंग पर खड़े थे। अचानक आतंकवादियों ने उन पर अंधाधुंध गोलीबारी कर दी। इसमें महिला समेत 40 एयरफोर्स अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जबकि तीन अधिकारी मौके पर ही बलिदानी हो गए। दो अन्य ने बाद में दम तोड़ दिया था। इसके बाद तत्कालीन सरकार ने मामले की जांच सीबीआइ को सौंपी थी।