Jammu: विश्व इंटरनेट दिवस पर DIO अनिल शर्मा ने पैडल से नापी 130 किलोमीटर की दूरी
आज विश्व इंटरनेट दिवस है। विश्व इंटरनेट दिवस को मनाने के उद्देशय से नेशनल इंफार्मेटिक सेंटर (एनआईसी) के डिस्ट्रिक्ट इंफार्मेटिक आफिसर(डीआईओ) अनिल शर्मा जम्मू के गंगेयाल स्थित अपने घर से साइकिल के पैडल मारते हुए ऊधमपुर में ड्यूटी देने के लिए पहुंचे।
ऊधमपुर, अमित माही: विश्व इंटरनेट दिवस को मनाने के लिए एक जिला अधिकारी ने अनूठा तरीका अपनाया है। इंटरनेट के युग में हर काम सरल तो चुका है, मगर इस वजह से शारीरिक श्रम भी कम हो गया है। ऐसे में इंटरनेट के साथ स्वास्थ्य कितना महत्वपूर्ण है यह समझाने के लिए नेशनल इंफार्मेटिक सेंटर के इस जिला अधिकारी ने इंटरनेट दिवस को मनाने के लिए 130 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी साइकिल पर नापने का फैसला किया। वह जम्मू से साइकिल पर ऊधमपुर ड्यूटी देने के लिए पहुंचे।
आमतौर पर किसी दिन को उस दिन से संबंधित विषय के साथ मनाया जाता है।आज विश्व इंटरनेट दिवस है। मगर एक अधिकारी ने इसे इंटरनेट से जुड़ी किसी गतिविधि के माध्यम से मनाने की बजाय साइकलिंग को चुना है। वीरवार को विश्व इंटरनेट दिवस को मनाने के उद्देशय से नेशनल इंफार्मेटिक सेंटर (एनआईसी) के डिस्ट्रिक्ट इंफार्मेटिक आफिसर(डीआईओ) अनिल शर्मा जम्मू के गंगेयाल स्थित अपने घर से साइकिल के पैडल मारते हुए ऊधमपुर में ड्यूटी देने के लिए पहुंचे।
सुबह समय पर ड्यूटी देने के लिए पहुंच सकें। इसके लिए उन्होंने सुबह 5.42 मिनट पर गंगेयाल से ऊधमपुर के लिए अपना सफर शुरु किया। जिसके बाद तकरीबन सवा तीन घंटों में वह सुबह नौ बजे के करीब ऊधमपुर पहुंच गए। जहां पर कुछ देर गेस्ट हाउस में जलपान और विश्राम करने के बाद वह साइकिल पर ड्यूटी देने के अपने दफ्तर पहुंचे।
इस बारे में अनिल शर्मा ने कहा कि कहा इंटरनेट के आने से हर चीज तो आसान हुई है। पहले जिन कामों में काफी वक्त लगता था, वह काम चुटकियों में हो जाते हैं। इंटरनेट की मदद से खेल के मैदान की बजाए ऑन लाइन गेम खेलने वाले खिलाड़ी बढ़ रहे हैं। इंटरनेट सुविधा तो दे रहा है, मगर यह स्वस्थ जीवनशैली भी छीन रहा है। लोगों को इंटरनेट युग में स्वस्थ और फिटनेस के प्रति प्रेरित व जागरूक करने के लिए उन्होंने विश्व इंटरनेट दिवस पर जम्मू से ऊधमपुर तक और वहां से वापिस जम्मू तक साईकलिंग कर इस दिन को मनाने का फैसला किया।
उन्होंने कहा कि साइकलिंग से पूरे शरीर का व्यायाम हो जाता है। इंटरनेट युग में भागदौड़ भरी जिंदगी में शरीर को स्वस्थ रखने के लिए समय निकालना काफी मुशकिल होता है। इसलिए उन्होंने इसके लिए साइकलिंग को अपनाया है। जिससे आमतौर पर वह नियमित प्रयोग करते हैं और ऐसा करने से उनकी कसरत हो जाती है। उन्होंने बताया ऊधमपुर में ड्यूटी देने के बाद वह वह शाम को पांच बजे ऊधमपुर से जम्मू घर वापिसी के लिए निकलेंगे। उन्होंने बताया कि वह कोरोना पॉजिटिव भी हुए थे। मगर साइकलिंग करते रहने की वजह से उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होने से वह जल्दी स्वस्थ भी हुए।
शौक के लिए शुरु की साइकलिंग, पाए कई मुकाम: अनिल शर्मा ने वर्ष 2015 में शौक के लिए साइकलिंग शुरु की थी अब वह 30 हजार से अधिक दूरी साइकिल पर नाप चुके हैं। वह साल में औसतन सात हजार किलोमीटर के करीब साइकिल चला लेते हैं। इसके बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इटावा से आगरा तक आयोजित 250 किलोमीटर लंबे अंतराष्ट्रीय साइकलिंग अभियान में हिस्सा लिया। वर्ष 2017 में उन्होंने चंडीगड़ में 610 किलोमीटर साइकिल चला कर रेस अक्रास अमेरिका (आरएएएम) क्वालीफाई किया। वर्ष 2016 में जम्मू में हुई 53 किलोमीटर की ग्रांड फोंडो रेस में वह पहले उपविजेता रहेगा। वर्ष 2019 में वह 2019 में उन्होंने 100 किलोमीटर लंबी ग्रांड फोंडो रेस में पहला स्थान प्राप्त किया।
आडक्स इंडिया की सुपर रेंडोनियरस सीरिज की 100, 200, 300, 400 और 600 किलोमीटर के साइकलिंग अभियान को एक कैलेंडर वर्ष में पूरा कर वह सूपर रेंडोनियर का खिताब भी हासिल कर चुके हैं। जम्मू वह 2019 में हुई 21 किलोमीटर लंबी हाफ मैराथान में भी हिस्सा ले चुके हैं। वह जम्मू से गुरदासपुर, जम्मू से अमृतसर और जम्मू से दसूहा तक की सोलो साइक्लिंग राईज भी कर चुके हैं। साईक्लिंग के शौक के लिए उन्होंने अपनी हिमायलन इंफील्ड मोटरसाइकिल को बेच कर नई साइकिल ली है। वह साइकिल पर उन्होंने सर्वाधिक नत्थाटॉप तक की उंचाई तक पहुंचे हैं।