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Kashmir Terror Funding: एनआइए ने आतंकी फंडिंग मामले में कश्मीर के चार व्यापारियों के ठिकानों पर मारे छापे

जम्मू-कश्मीर के कुछ क्रास एलओसी व्यापारियों नेे लाखों रुपये कमाए और इस मुनाफे का एक बड़ा हिस्सा उन्होंने आतंकी व अलगाववादी संगठनों को पहुंचाया है। इस मामले में एनआईए व प्रवर्तन निदेशालय के करीब 30 लोगों को अब तक हिरासत में ले चुके है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 11:15 AM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 11:21 AM (IST)
Kashmir Terror Funding: एनआइए ने आतंकी फंडिंग मामले में कश्मीर के चार व्यापारियों के ठिकानों पर मारे छापे
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने कश्मीर में क्रास एलओसी व्यापार से जुड़े चार व्यापारियों के ठिकानों पर दबिश दी।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने क्रास एलओसी व्यापार (Cross LoC Trade)  की आड़ में हुए आतंकी फंडिंग के खेल की जांच के सिलसिले में वीरवार का ग्रीष्मकालीन राजधानी में चार व्यापारियों के ठिकानों पर दबिश दी। क्रास एलओसी व्यापार को भारत-पाक के बीच एक समझौते के तहत अक्तूबर 2008 में शुरु किया गया था। पूरी तरह से कर मुक्त इस व्यापार नकद लेन-देन नहीं था। इसमें सामान के बदले सामान का ही लेन-देन होता था। इसमें सिर्फ जम्मू-कश्मीर और गुलाम कश्मीर के स्थायी नागरिक ही अनुमोदित वस्तुओं का आपस में अायात निर्यात कर सकते थे। 14 फरवरी 2019 को पुलवामा आतंकी हमले के बाद मार्च 2019 में इस पर पूरी तरह रोक लगा दी गई।

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संबधित अधिकारियों ने बताया कि आज एनआइए की टीम ने पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों की मदद से वजीर बाग में स्थित जहूर अहमद बट, होकरसर में बशीर अहमद लोन व बाग-ए-सुंदर छत्ताबल में आरिफ अहमद मिसगर व फजल उल हक के मकानों व व्यापारिक प्रतिष्ठानों की तलाशी ली। यह सभी क्रास एलओसी व्यापार में शामिल थे। बशीर अहमद लोन के बारे में कहा जाता है कि वह उत्तरी कश्मीर में एलओसी के साथ सटे बीजामा उड़ी का रहने वाला है। वह बीते कुछ समय से श्रीनगर में रह रहा था। 

उन्हाेंने बताया कि एनआइए क्रास एलओसी ट्रेड के जरिए आतंकियों के लिए हुए पैसे के लेनदेन के मामले की बीते तीन साल से लगातार जांच कर रही है। जांच में यह बात सामने आई है कि गुलाम कश्मीर में बैठे कई आतंकी सरगना इस व्यापार में शामिल थे। क्रास एलओसी ट्रेड की आड़ में नशीले पदार्थ व हथियार भी गुलाम कश्मीर से कई बार इस ओर भेजे गए हैं। इसके अलावा आयात-निर्यात किए जाने वाले सामान की कीमत भी दस्तावेजों में बहुत कम या फिर कई बार बहुत ज्यादा दिखायी गई। इस तरह से जम्मू-कश्मीर के कुछ क्रास एलओसी व्यापारियों नेे खुद भी लाखों रुपये कमाए और इस मुनाफे का एक बड़ा हिस्सा कश्मीर में सक्रिय आतंकियों व अलगाववादी संगठनों को पहुंचाया। एनआइए व प्रवर्तन निदेशालय इस मामले में करीब 30 लोगों को अब तक हिरासत में ले चुके हैं।


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