NIA Raids in Jammu : टेरर फंडिंग मामले में एनआइए के डोडा और जम्मू में मारे छापे, कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद
टेरर फंडिंग मामले की जांच कर रही एनआइए इससे पहले भी जम्मू व कश्मीर के कई जिलों में छापेमारी कर चुकी है। एनआइए का कहना है कि आतंकवादियों और अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए ये लोग उन तक रुपये पहुंचाकर उनकी सहायता कर रहे हैं।
जम्मू, जेएनएन : स्वतंत्रता दिवस से पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर के जम्मू और डोडा जिलों में आतंकी फंडिंग मामले में प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी (जेइआइ) के सदस्यों के खिलाफ कई जगहों पर तलाशी ली। दोनों जिलों के विभिन्न हिस्सों में की जा रही यह छापेमारी लगभग एक दर्जन से अधिक जगहों पर चल रही है। बताया जा रहा है कि ये ठिकाने जेइआइ के पदाधिकारियों, सदस्यों या फिर इससे जुड़े लोगों के हैं। बठिंडी में रहने वाले सेवानिवृत्त डीएफओ हाफिज उल्ला के घर भी एनआइए की टीम जांच कर रही है।
सूत्रों ने बताया है कि एनआइए को शक है कि हाफिज भी टेरर फंडिंग मामले में शामिल हैं। फिलहाल सभी जगहों पर छापेमारी जारी है। ऐसा भी कहा जा रहा है कि डोडा में जिन सात जगहों पर एनआइए जांच कर रही है, वहां से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी मिले हैं।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार एनआइए की विशेष टीमें जम्मू और डोडा जिले में कई स्थानों पर एक साथ पहुंची और टेरर फंडिंग मामले में नाम आने वाले लोगों के घरों व कार्यालयों में जांच शुरू कर दी। आपको बता दें कि टेरर फंडिंग मामले की जांच कर रही एनआइए इससे पहले भी जम्मू व कश्मीर के कई जिलों में छापेमारी कर चुकी है। एनआइए का कहना है कि आतंकवादियों और अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए ये लोग उन तक रुपये पहुंचाकर उनकी सहायता कर रहे हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि डोडा जिले के धारा-गुंडाना, मुंशी मोहल्ला, अकरमबंद, नगरी नई बस्ती, खरोती भगवा, थलेला, मालोठी भल्ला के अलावा जम्मू के बठिंडी में छापेमारी की जा रही है। टेरर फंडिंग मामले की जांच के दौरान एनआइए ने पाया कि जेइआइ के सदस्य आतंकवादियों व अलगाववादियों की सहायता के लिए धन जुटाने का काम करती है। पिछले वर्ष 5 फरवरी को एनआइए ने जमात-ए-इस्लामी के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए कहा कि जकात, मौदा और बैत-उल-मल के रूप में देश-विदेश से इकट्ठा किया जाने वाला धन जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद व हिंसा भड़काने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
एनआइए के अनुसार जमात-ए-इस्लामी द्वारा जुटाई जा रही धनराशि को सुव्यवस्थित नेटवर्क के माध्यम से प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों जैसे हिजबुल मुजाहिदीन, लश्कर-ए-तैयबा सहित अन्य आतंकी संगठनों को नियमित तौर पर भेजता था। यही नहीं यही संस्था कश्मीर के युवाओं को भी आतंकवाद की राह पर चलने के लिए प्रेरित करता रहा है। फरवरी 2019 में केंद्र ने आतंकवाद विरोधी कानूनों के तहत जमात-ए-इस्लामी पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था। उस दौरान भी यह पाया गया कि यह संस्था आतंकवादी संगठनों के निकट संपर्क में थी।
प्रतिबंध के बाद जम्मू और कश्मीर में एक बड़ी कार्रवाई में सैकड़ों जमात-ए-इस्लामी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था।
डोडा व जम्मू में जहां-जहां भी यह जांच चल रही है, जम्मू-कश्मीर पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने इलाके की घेराबंदी कर रखी है ताकि किसी तरह की कोई बाधा उत्पन्न न हो। सुरक्षाबलों को कार्रवाई पूरी होने तक क्षेत्र में कानून-व्यवस्था की स्थिति को कायम रखने के लिए तैनात किया गया है। फिलहाल छापेमारी जारी है। एनआइए के एक अधिकारी ने बताया कि जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद इस बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी।