शराब की नई दुकानें खोलने का मामला हाईकोर्ट पहुंचा
जेएनएफ जम्मू जम्मू संभाग में शराब की नई दुकानें खोलने का मामला हाईकोर्ट में पहुंच गया
जेएनएफ, जम्मू : जम्मू संभाग में शराब की नई दुकानें खोलने का मामला हाईकोर्ट में पहुंच गया है। गैर सरकारी संस्था केयर नेचर एंड इनवायरनमेंट सोसायटी की सचिव रूचि चौहान खान ने जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर जम्मू संभाग में नई शराब की दुकानें और बार खोलने से रोकने की मांग की है।
हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच में चीफ जस्टिस गीता मित्तल व जस्टिस विनोद चैटर्जी कौल ने मामले पर गौर करने के बाद वित्त विभाग के आयुक्त सचिव और आबकारी विभाग के आयुक्त व उपायुक्त के माध्यम से प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है।
याचिका में 25 फरवरी 2019 को जारी आबकारी नीति के अनुच्छेद 3.2.3 और 3.2.4 को भी असंवैधानिक करार देते हुए चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि यह प्रावधान नए लाइसेंस जारी करने की अनुमति प्रदान करते हैं। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्र में तहसील को एक यूनिट और शहरी इलाकों में वार्ड को एक यूनिट करार दिया गया है, जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 व 21 का उल्लंघन है।
याचिका में कहा गया है कि प्रदेश में लाइसेंस आवंटित करते समय बराबरी नहीं रखी गई। जम्मू कश्मीर में 224 शराब की दुकानें हैं, जिनमें से जम्मू संभाग में 220 और कश्मीर संभाग में मात्र चार हैं। इसी प्रकार जम्मू कश्मीर में 319 बार हैं, जिनमें से 311 जम्मू और आठ कश्मीर संभाग में हैं।
जम्मू संभाग में शराब की दुकानों और बार की बढ़ती संख्या को स्वास्थ्य, संस्कृति, मौलिक व आध्यात्मिक छवि के लिए घातक करार देते हुए याचिका में कहा गया है कि जम्मू को मंदिरों का शहर कहा जाता है। यहां असंख्य छोटे-बड़े मंदिर हैं। डोगरा सैनिकों का गौरवशाली इतिहास रहा है। उन्होंने पहले और दूसरे विश्व युद्ध में अपना लोहा मनवाया है, लेकिन सरकार जम्मू को शराब में डुबोना चाहती है। लिहाजा सरकार को नए लाइसेंस जारी करने से रोका जाए।