Jammu And Kashmir : Kashmir वादी में पैसे लेकर हिंसक प्रदर्शनों के लिए ठेकेदारों की नई पौध तैयार
वादी में पैसे लेकर हिंसक प्रदर्शनों के लिए ठेकेदारों की नई पौध तैयार समाजसेवी संस्थाओं के संचालकों नवोदित क्रिकेटरों व मुख्यधारा की राजनीति से जुड़े कई नेता शामिल
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। वादी में सुनियोजित तरीके से हिंसक प्रदर्शनों का आयोजन करने वाले ठेकेदार अभी भी सक्रिय हैं। वर्ष 2016 में हिंसक प्रदर्शनों के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने टेरर फंडिंग मामले में कई अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार किया है। इसके बावजूद पैसे लेकर हिंसक प्रदर्शन करवाने वाले ठेकेदारों की एक नई पौध तैयार हो चुकी है। इसमें समाजसेवी संस्थाओं के संचालक, नवोदित क्रिकेटर और मुख्यधारा की राजनीति से जुड़े कई नेता शामिल हैं।
एक मीडिया संस्थान ने वादी में हिंसक प्रदर्शनों को हवा देने के लिए तैयार बैठे पैसे के लालची ठेकेदारों की मौजूदगी की अपने एक स्टिंग में पुष्टि की है। गांदरबल के एक नवोदित क्रिकेटर के मुताबिक अगर सही दाम मिले तो वह सौरा, बुछपोरा और उससे सटे इलाकों में देश विरोधी प्रदर्शन शुरू कर सकता है। उसके पास ऐसे लड़कों की अच्छी तादाद है। यह लड़के नकाब पहनकर प्रदर्शन करेंगे और सुरक्षाबलों पर पथराव कर वाहनों की आवाजाही रोकेंगे। उन पर पुलिस व अन्य सुरक्षाबल गोली चला सकते हैं, पैलेट दाग सकते हैं फिर भी सब तैयार हैं।
हिंसक प्रदर्शन भड़काने के लिए शुक्रवार को नमाज का समय सही है। इसके लिए सिर्फ इमाम की जरूरत पड़ेगी। मैं किसी तरह मस्जिद कमेटी से बात कर भाषण के लिए एक दो मिनट लेकर नारेबाजी शुरू कर दूंगा। इसके बाद माहौल बदल जाएगा। उसने दावा किया कि वह 20 दिनों तक यह हंगामा कायम रख सकता है। उसने एक दिन के लिए अपनी फीस पांच लाख रुपये बताई है।
दो करोड़ मिले तो एक माह के लिए पथराव और बंद कराया जा सकता एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल के भूतपूर्व कार्यकर्ता ने कहा कि वह वादी में स्कूलों पर हमले और आग लगाने की योजना पर काम कर सकता है। उसने कहा कि मैंने मस्जिद में भी इस विषय पर बात की है। हम छह सात स्कूलों में आग लगा सकते हैं। सरकारी स्कूलों के बजाय निजी स्कूल को आग लगानी होगी क्योंकि सरकारी स्कूलों में आजकल कोई अपने बच्चों को दाखिल नहीं कराता। इसके अलावा एक माह के लिए पथराव और बंद भी कराया जा सकता है, लेकिन दो करोड़ रुपये खर्च आएगा।
पैसा मिले तो पथराव व बाजार बंद कराना बहुत आसान :
हजरतबल इलाके में रहने वाले एक प्रॉपर्टी डीलर ने कहा कि नकद पैसा मिले तो पथराव और बाजार बंद कराना बहुत आसान है। अगर आग लगानी है तो वह भी हो जाएगा। अगर उसे पैसा मिले तो उसका गैंग कश्मीर में किसी गली के भीतर साइकिल भी नहीं चलने देगा। गैर सरकारी संगठन चलाने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि उसका असली काम तो हिंसक प्रदर्शनों के लिए बेरोजगार युवकों की भर्ती है। उसने माना कि वह पत्थरबाजों के लिए ही पैसा जमा करता है। 12 लाख रुपये मिले तो वह हिंसक प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू कर सकता है। बस इंटरनेट शुरू होने दो, काम शुरू कर देंगे।
आज भी वादी में राष्ट्रविरोधी तत्वों का वित्तीय ढांचा मौजूद :
जम्मू कश्मीर पुलिस के पूर्व महानिदेशक कुलदीप खोड़ा ने कहा कि आज भी कश्मीर में टेरर फंडिंग जारी है। बेशक एनआइए ने टेरर फंडिंग के एक बड़े नेटवर्क को नेस्तनाबूद कर दिया है। हिंसक प्रदर्शनों के कई पुराने सूत्रधारों को जेल पहुंचाया है, लेकिन आज भी वादी में राष्ट्रविरोधी तत्वों का वित्तीय ढांचा मौजूद है। यह लोग आज भी मौके की तलाश में हैं।