जम्मू-कश्मीर में नए साल में होगी नई औद्योगिक सुबह; नई औद्योगिक नीति तैयार, बस घोषणा का इंतजार
अगर बाहरी कंपनी 100 रुपये में कोई उत्पाद देती है और जम्मू-कश्मीर में उद्योग चलाने वाले 120 रुपये में भी वो उत्पाद उपलब्ध करवाते है तो सरकारी विभाग अधिक भुगतान करके भी स्थानीय स्तर पर खरीद करेंगे। इतना ही नहीं गवर्नमेंट ई-मार्केट(जेम) में भी जम्मू-कश्मीर के उद्योगपतियों को प्राथमिकता मिलेगी।
जम्मू, जागरण संवाददाता: अनुच्छेद 370 व 35 ए के कारण आज तक बाहरी राज्यों के निवेश से वंचित रहे जम्मू-कश्मीर में नया साल नई औद्योगिक सुबह लेकर आएगा। नए साल में यहां निवेश की नई शुरूआत होगी और आने वाले सालों में जम्मू-कश्मीर भी औद्योगिक केंद्र बनकर उभरेगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के लिए नई औद्योगिक नीति तैयार की है और ऐसी पूरी उम्मीद है कि दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह में प्रदेश में जारी चुनाव प्रक्रिया सम्पन्न होते ही इस उद्योग नीति को लागू कर दिया जाएगा, जिसे केंद्र सरकार की मंजूरी पहले से मिल चुकी है।
उद्योग व वाणिज्य विभाग के विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार इस उद्योग नीति में स्थानीय उद्योगपतियों को सरकारी विभागों में होने वाली खरीद में प्राथमिकता दी जाएगी। ऐसे में सरकारी विभाग जो भी खरीद करेंगे, उसके लिए सबसे पहले स्थानीय उद्योग को प्राथमिकता मिलेगी और स्थानीय स्तर पर उत्पाद उपलब्ध न होने पर ही सरकार बाहरी कंपनियों को आर्डर देगी। दूसरी सबसे बड़ी प्राथमिकता बीस फीसद दाम की होगी।
मसलन अगर कोई बाहरी कंपनी 100 रुपये में कोई उत्पाद देती है और जम्मू-कश्मीर में उद्योग चलाने वाले 120 रुपये में भी वो उत्पाद उपलब्ध करवाते है तो सरकारी विभाग अधिक भुगतान करके भी स्थानीय स्तर पर खरीद करेंगे। इतना ही नहीं गवर्नमेंट ई-मार्केट(जेम) में भी जम्मू-कश्मीर के उद्योगपतियों को प्राथमिकता मिलेगी। मौजूदा समय में केंद्र व प्रदेश सरकार की ओर से जेम पर ई-टेंडरिंग होती है और टेंडर भरते समय जम्मू-कश्मीर के उद्याेगपति बाहरी राज्यों की बड़ी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाते। ऐसे में सरकार ने जेम में जम्मू-कश्मीर के उद्योग को प्राथमिकता देने का फैसला किया है।
इन सभी रियायतों के अलावा मौजूदा समय में मिल रही जीएसटी रिर्टन समेत अन्य लाभ भी नई उद्याेग नीति में जारी रखे जा रहे हैं ताकि जम्मू-कश्मीर में उद्योग को बढ़ावा मिल सके। उद्योग व वाणिज्य विभाग की निदेशक अनु मल्होत्रा की माने तो जम्मू-कश्मीर को देश का औद्योगिक केंद्र बनाने के लिए कई प्रस्ताव सौंपे गए है जिससे उद्यमियों को अन्य राज्यों की तुलना में यहां उद्याेग लगाने पर लाभ मिल सके।
सरकार का पूरा ध्यान जम्मू-कश्मीर में भारी निवेश को प्रोत्साहित करने पर है और उम्मीद है कि नई उद्योग नीति इसमें फायदेमंद साबित होगी।