डल-नगीन झील में अब नहीं बन सकेगा नया हाउसबोट, पर्यटकों की आमद के हिसाब से जगह होगी तय
यह नीति झील एवं जलमार्ग विकास प्राधिकरण द्वारा झील के समग्र संरक्षण की नीतियों के अनुरूप है। यह संबंधित संस्था को कानूनी अधिकार भी देगी।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: विश्व प्रसिद्ध डल और नगीन झील में अब कोई नया हाउसबोट (नौकाघर) नहीं बनाया जा सकेगा। इसके अलावा पर्यटकों की आमद के आधार पर झील के विभिन्न हिस्सों में हाउसबोट रह सकेंगे। प्रशासनिक परिषद ने यह फैसला दोनों झीलों के संरक्षण के साथ ही हाउसबोट मालिकों के हितों को सुनिश्चित बनाने के लिए किया है।
उपराज्यपाल जीसी मुर्मू की अध्यक्षता में बुधवार की शाम को प्रशासनिक परिषद की बैठक में हाउसबोट नीति को मंजूरी दी गई है। यह नीति झील एवं जलमार्ग विकास प्राधिकरण द्वारा झील के समग्र संरक्षण की नीतियों के अनुरूप है। यह संबंधित संस्था को कानूनी अधिकार भी देगी। यह नीति से डल और नगीन झील में हाउसबोटों की गतिविधियां पूरी तरह व्यवस्थित बनाई जाएंगी। इससे झील में प्रदूषण रोकने में मदद मिलेगी। साथ ही हाउसबोट मालिकों, शिकारा वालों की आजीविका को भी दिशा मिलेगी। नीति के तहत प्रत्येक हाउसबोट मालिक अब नियमों व शर्तों को पूरा कर लाइसेंस का नवीकरण करा सकेंगे। इस नीति के तहत निदेशक पर्यटन कश्मीर की अध्यक्षता में सलाहकार समिति बनाई जाएगी। यह पर्यटकों की आमद को बढ़ाने और उनकी संख्या के आधार पर झील में हाउसबोटों के इस्तेमाल के लिए जगह चिह्नित करेगी। हाउसबोटों को सुविधाओं के आधार पर वर्गीकृत किया जाएगा।
केंद्रीय विद्यालय और पंडितों के लिए 48-40 कनाल जमीन
प्रशासनिक परिषद ने द्रगमुला कुपवाड़ा में केंद्रीय विद्यालय के लिए स्कूल शिक्षा विभाग को 40 कनाल काचराई जमीन दी है। इसके अलावा आपदा प्रबंधन राहत, पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण विभाग को शोपियां के डीगाम इलाके में 40 कनाल जमीन हस्तांतरित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। यह जमीन प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज के तहत नौकरी प्राप्त करने वाले विस्थापित कश्मीरी पंडितों की आवासीय सुविधा के निर्माण के लिए दी गई है।
टाटा टेक्नोलाजी के साथ मिलकर सरकार खोलेगी दो सीआइआइआइटी
प्रशासनिक परिषद ने प्रदेश में दो आविष्कार, नवाचार, उष्मायन और प्रशिक्षण केंद्रों (सीआइआइआइटी) की स्थापना को भी मंजूरी दी गई है। कश्मीर में इसके लिए जमीन चिन्हित की जा चुकी है। जम्मू में जगह देखी जानी है। इन केंद्रों में हर साल 2880 छात्रों और प्रोफेशनल्स को प्रशिक्षण व कौशल विकास के लिए दाखिला मिलेगा। कश्मीर में यह केंद्र बारामुला स्थित पालीटेक्निक कालेज में बनाया जाएगा। यह केंद्र इंजीनियङ्क्षरग कालेजों, पालीटेक्निक कालेजों, आइटीआइ के छात्रों, बेरोजगार डिग्री अथवा डिप्लोमाधारक इंजीनियरों के अलावा नौकरी कर रहे इंजीनियरों का कौशल बढ़ाएंगे। यह परियोजना जम्मू कश्मीर सरकार और टाटा टेक्नोलाजी के बीच उद्योग के नेतृत्व वाला संयुक्त उद्यम है। इसके तहत टाटा टेक्नोलाजी 18 नए पाठयक्रमों के अलावा कई और पूरक पाठयक्रम भी लागू करेगी।