दूरदराज क्षेत्रों के मरीजों की उपेक्षा
राज्य ब्यूरो, जम्मू : राज्य के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग को दूरदराज क्षेत्रों में रहने वा
राज्य ब्यूरो, जम्मू : राज्य के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग को दूरदराज क्षेत्रों में रहने वाले मरीजों का दर्द फिर नजर नहीं आया। विभाग ने जिन मेडिकल ऑफिसर की भर्ती न्यू टाइप प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों के लिए की थी, उनमें से अधिकांश को जिला अस्पतालों या फिर उप जिला अस्पतालों में तैनात कर दिया गया।
सरकार ने 17 अक्टूबर 2014 को आदेश नंबर 585-एचएमई के तहत न्यू टाइप प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों के लिए मेडिकल आफिसर्स के पदों को सृजित करने को मंजूरी दी थी। 29 मई 2018 को 370 मेडिकल आफिसर्स की चयन सूची जारी हुई। इनमें से कई मेडिकल कॉलेजों में पोस्ट ग्रेजुएशन व रजिस्ट्रारशिप कर रहे हैं। कुछ दिन पहले 109 मेडिकल ऑफिसर्स की नियुक्ति के आदेश जारी हुए। मगर हैरानी की बात यह है कि नियुक्ति में प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों और दूरदराज क्षेत्रों की उपेक्षा की गई। केवल 26 मेडिकल ऑफिसर्स की ही न्यूटाइप प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों में नियुक्ति हुई। शेष मेडिकल ऑफिसर्स को जिला अस्पतालों, उप जिला अस्पतालों और कम्यूनिटी हेल्थ सेंटरों में ही नियुक्त किया गया। यह सब उस समय हो रहा है जब दूरदराज क्षेत्रों में डॉक्टरों की कमी को लेकर उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई है। सरकार नए मेडिकल ऑफिसर्स को दूरदराज क्षेत्रों में नियुक्त करने के दावे तो करती है, लेकिन बाद में स्वयं ही नियमों की धज्जियां उड़ा देती है।
-----------------
दूरदराज क्षेत्रों में डॉक्टर ही नहीं
इसी साल सूचना का अधिकार (आरटीआइ) में यह खुलासा हुआ था कि जम्मू संभाग के पहाड़ी व दूरदराज क्षेत्रों में स्थित कुल 259 प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों, न्यूटाइप प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों और कम्यूनिटी हेल्थ सेंटरों में से 184 में एक भी डॉक्टर नहीं है। जम्मू संभाग में 982 डॉक्टरों की कमी बताई गई। उसके बाद ही 370 डॉक्टरों का चयन हुआ। बावजूद इसके दूरदराज क्षेत्रों में स्थित अस्पतालों में डॉक्टरों को नियुक्त करने की प्राथमिकता नहीं दी जा रही है।