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नायब तहसीलदार के तबादले के बाद नयाबत पर भी लटक गया ताला

सतीश शर्मा बिश्नाह क्षेत्र के रेहाल गांव व आसपास के 20 गांवों के किसानों की सुविधा के लिए

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Dec 2020 07:00 AM (IST)Updated: Tue, 22 Dec 2020 07:00 AM (IST)
नायब तहसीलदार के तबादले के बाद नयाबत पर भी लटक गया ताला

सतीश शर्मा, बिश्नाह

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क्षेत्र के रेहाल गांव व आसपास के 20 गांवों के किसानों की सुविधा के लिए रेहाल में नायब तहसीलदार कार्यालय (नयाबत) का शिलान्यास 2010 में रेवेन्यू मंत्री रमण भल्ला व बिश्नाह के पूर्व विधायक अश्विनी कुमार शर्मा के हाथों हुआ था। उसके बाद जब नयाबत बनकर तैयार हुई तो वहां पर नायब तहसीलदार अर्जुन सिंह सहित चार पटवारी तैनात हुए। दो वर्ष तक जमकर किसानों के कार्य हुए, लेकिन अचानक नायब तहसीलदार अर्जुन सिंह का तबादला हो जाने के बाद न तो वहां पर कोई नायब तहसीलदार गया और न ही वहां पर कोई पटवारी पहुंचा। ऐसे में क्षेत्र के 20 गांवों के किसानों के लिए यह नयाबत मुसीबत बन कर रह गई। अब किसान अपना कार्य करवाने कहां जाएं, यह उनकी दुविधा है।

रेहाल के सरपंच तीर्थराम शर्मा ने कहा कि कई बार धरना प्रदर्शन के बाद कहीं जाकर रेहाल गांव में नई नयाबत बनी थी। इसके लिए हमने अपनी उपजाऊ जमीन निशुल्क सरकार को दी थी। नयाबत बनी और भवन का निर्माण भी हुआ। दो साल तक यहां किसानों के कार्य भी हुए परंतु नायब तहसीलदार अर्जुन सिंह का 2017 में तबादला हो जाने के बाद यहां पर ना तो कोई नायब तहसीलदार आया, ना पटवारी और ना ही क्लर्क स्टाफ यहां आया और ना ही किसानों के कोई काम हो रहे हैं।

खंडहर हो रही किसानों की जमीन पर बनी इमारत

नयाबत के भवन के लिए किसानों ने अपनी जमीन दी थी। अब नयाबत का दफ्तर जिस भवन में है, वह भी खंडहर होता जा रहा है। नयाबत के प्रांगण में जड़ी उगी हुई हैं, जिसमें सांप, बिच्छू रहते हैं। किसान अपने कार्य करवाने के लिए कहां जाए, समझ नहीं पा रहा है। वह कभी बिश्नाह तहसील में जाते हैं, तो कहा जाता है कि उनका रिकॉर्ड रेहाल में है। रेहाल में तो नयाबत पर ताला लटका हुआ है। हालत यह है कि वहां पड़ी किसानों की फाइलें धूल फांक रही हैं, लेकिन वहां पर स्टाफ का कोई भी सदस्य पिछले तीन वर्ष से नहीं गया। तहसील कार्यालय नहीं खोलना था तो सरकार ने किसानों से क्यों ली जमीन

स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर यहां पर तहसील कार्यालय खोलना नहीं था तो हमारी जमीन सरकार ने क्यों ली। नयाबत का वहां भवन बना है फिर स्टॉफ क्यों नहीं आया। प्रशासन किसानों को गुमराह कर रहे हैं। हमने सरकार, उपराज्यपाल से कहा कि अगर जल्दी ही यहां पर स्टाफ नहीं आया तो हम तहसील में पड़े सामान को बाहर फेंक देंगे और इस इमारत को किसी और कार्य में इस्तेमाल करना शुरू कर देंगे। जल्द नायब तहसीलदार नहीं आए तो फिर होंगे धरना-प्रदर्शन

रेहाल निवासी रघुनंदन शर्मा ने कहा कि सरकार का बहुत ही अच्छा कार्य था कि रेहाल में नयाबत खोली जाए और आसपास के 20 गांवों किसानों को भटकना न पड़े। किसी किसान को जमीन की नकल चाहिए तो किसी को कोई सर्टिफिकेट और वह इसी नयाबत से मिलने की उम्मीद थी। दो साल तक यहां मिले भी लेकिन उसके बाद इस कार्य में सरकारी बाबुओं का आना जाना बंद कर दिया। इसका नतीजा है कि किसान तो आज भी उसके लिए भवन परिक्रमा कर रहे हैं, लेकिन यहां न तो नायब तहसीलदार है ना ही अन्य स्टाफ है। उन्होंने सरकार से अपील की कि वह यहां जल्द से जल्द नायब तहसीलदार सहित पटवारियों को भेजे। किसानों के कार्य अगर यहां नहीं हुए तो क्षेत्र के किसान धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हो जाएंगे और प्रशासन की ईंट से ईंट बजा देंगे। इस मसले पर तहसीलदार बिश्नाह सोहन लाल राणा ने कहा कि हमने खैरी नयाबत नायब तहसीलदार को रेहाल का कार्य देखने को कहा है। बाकी जल्द ही वहां पर पहले जैसे कार्य शुरू हो जाएंगे।


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